दिमागी बुखार से बालिका ने दम तोड़ा
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : जिले में दिमागी बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। कांठ रोड स्थित एक न
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद :
जिले में दिमागी बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। कांठ रोड स्थित एक निजी अस्पताल में 12 वर्षीय बच्ची की बुखार की वजह से मौत हो गई। वो पिछले दो दिन से अस्पताल में भर्ती थी। बच्ची की मौत से परिवार में हड़कंप मच गया। वहीं अस्पताल में डायरिया से पीड़ित बच्चों का वार्ड भी फुल हो गया है। सोमवार को 10 बच्चे भर्ती हुए।
महमूदपुर के रहने वाले महेंद्र सिंह की 12 वर्षीय निधि को 23 जून को बुखार आ गया था। पहले तो गांव के झोलाछाप को दिखाया तो उसने दवा दे दी। आराम न मिलने पर परिवार के अन्य सदस्य बालिका को बेहतर इलाज के लिए मुरादाबाद जिला अस्पताल ले आए। यहां से चिकित्सकों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिवार के लोग कांठ रोड स्थित निजी अस्पताल ले आए। जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए भर्ती कर लिया। दूसरे दिन उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई और उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। बच्ची की मौत से परिवार में हड़कंप मच गया। वहीं जिले के गांवों में स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य परीक्षण शिविर नहीं लगने की वजह से बुखार का प्रकोप फैलता जा रहा है। हालात ये हैं कि गांवों में इलाज नहीं मिलने की वजह से गाव के लोग परेशान हो रहे हैं।
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डायरिया के मरीज से वार्ड फुल
जिला अस्पताल में डायरिया के मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। सोमवार को ओपीडी शुरू होने के साथ ही उल्टी-दस्त के मरीज की संख्या में भी इजाफा हो गया। दोपहर तक 12 मरीजों को भर्ती करने के लिए इमरजेंसी में भेजा गया।
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बासी खाना खाने से करें परहेज
: गर्मी में खान पान में सावधानी बरतने की जरूरत है। फिजिशियन डॉ. एनके मिश्रा ने बताया कि बासी खाना खाने की वजह से सबसे ज्यादा डायरिया के शिकार हो रहे हैं। रात में खाना कम कर दें और सलाद का इस्तेमाल ज्यादा करें। पानी अधिक से अधिक पिए। जंक फूड का इस्तेमाल भी न करें। ओआरएस का घोल या फिर नींबू पानी का भी इस्तेमाल करें।
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गंभीर दस्त से निजात दिलाएगा टीका
: सोमवार को सर्किट हाउस में स्वास्थ्य विभाग की कार्यशाला में रोटा वायरस वैक्सीन के बारे में जानकारी दी गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनिता अग्निहोत्री ने बताया कि नई वैक्सीन रोटा वायरस के टीके के लिए गांव लेबल पर एएनएम और अन्य स्टाफ को किस तरह काम करना है आदि की जानकारी सभी अपने-अपने क्षेत्र के स्टाफ को देंगे। इस वैक्सीन को एक साल तक के बच्चे को गंभीर दस्त में छह, 10 और 14 सप्ताह के अंतराल पर देना है। इससे बच्चों की मृत्युदर में कमी आएगी। इसमें जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. दीपक वर्मा, डब्ल्यूएचओ से डॉ. शाहनवाज खान, डॉ. विजय कुमार, डॉ. अंशूमनी, डॉ. एससी मिश्रा, डॉ. संजीदा नूर आदि रहे।