Lockdown in Moradabad : चार लोग पहुंचे बरात, बाइक से ससुराल पहुंची दुल्हन Moradabad News
लॉकडाउन की शर्तों के तहत पूरी की विवाह की रस्में। विवाह में शामिल हुए सिर्फ चार बराती। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क लगाकर पहुंचे।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी कोरोना से जंग के बीच कुछ ऐसी भी खबरें आम हो रही हैं, जो परंपराओं व रुढिय़ों पर कुठाराघात हैं। शादी व विवाह के नाम पर होने वाली शाहखर्ची पर नकेल कस रही है। ऐसे लोगों को हालात से समझौता व वक्त के साथ कदमताल करने का हुनर समझा रही हैं, जो शान व शौक पूरे करने की राह में सबकुछ दरकिनार कर देते हैं।
यह है पूरा मामला
कुंदरकी कस्बे के रहने वाले सोनू राजपूत उर्फ अजय का विवाह दिसंबर 2019 में चन्दौसी में तीन माह पहले तय हुआ। तब कन्या व वरपक्ष को तनिक अहसास भी नहीं हुआ कि कोरोना का साया उनके सपनों पर ग्रहण बनेगा। दोनों पक्ष पूरे शान शौकत से विवाह की तैयारी में जुटा। 24 मार्च को लॉकडाउन लगते ही दोनों पक्ष शादी की तैयारियों को लेकर नए सिरे से सोचने लगे। सोनू के मां की मौत हो गई है और घर में वह और सिर्फ उसके पिता हैं, इसलिए तय हुआ कि लॉकडाउन अवधि में ही शादी होगी। दोनों ही पक्ष तड़क भड़क से समझौता करेंगे। सिर्फ उतने ही लोग विवाह में शामिल होंगे, जितनी संख्या लाक डाउन नियमों का अनुपालन करती है। धारा 144 के तहत सिर्फ चार लोग ही बराती बनकर गुरुवार को चन्दौसी के मुहल्ला मौजमपुर मौलागढ़ पहुंचे। वहां सोनू व नैना ने सात फेरे लिए। उनके परिजनों ने शारीरिक दूरी का अनुपालन किया। विवाह हिंदू रीति-रिवाज से संपन्न हुआ। पहले दोनों ने एक दूसरे को जयमाला डाली। फिर फेरे पूरे किए। इसके बाद दुल्हन पति के साथ बाइक पर सवार होकर ससुराल रवाना हुई।
लॉकडाउन का पालन सभी की जिम्मेदारी
विवाह में सोनू के दादा रामसहाय, चाचा हरि सिंह, जीजा सर्वेश शामिल हुए। उन्होंने बताया कि जब समूचा विश्व कोरोना से जंग लड़ रहा है, तब लॉकडाउन के नियमों का पालन करना सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। विवाह पहले से तय था, इसलिए लॉकडाउन अवधि में दूल्हा दुल्हन ने फेरे लिए। परिजनों ने दुल्हा दुल्हन की आरती उतारकर स्वागत किया।