पूर्व सांसद व क्रिकेटर अजहरुद्दीन के तेलंगाना प्रभारी बनने से सियासत ने बदला रुख
पूर्व सांसद और क्रिकेटर मुहम्मद अजहरुद्दीन उर्फ भैया जी को तेलंगाना का प्रभारी बनाने से मुरादाबाद की सियासत का रुख बदला है। कई की बाछें खिल गई हैं तो कुछ कांग्रेसी मायूस हुए हैं।
मुरादाबाद (रईस शेख)। सभी सियासी दलों की बुनियाद उतार-चढ़ाव पर है। कौन सा दल या नेता किस समय बाजी मार ले जाए ये अंदाजा लगना मुश्किल है। सर्वोपरि बनना और धड़ाम होना भी सियासी वक्त की कसरत पर ही टिका है। यही स्थिति कांग्रेस की है। पूर्व सांसद और क्रिकेटर मुहम्मद अजहरुद्दीन उर्फ भैया जी को तेलंगाना का प्रभारी बनाने से सियासत का रुख बदला है। कई की बाछें खिल गई हैं तो कुछ कांग्रेसी मायूस हुए हैं।
भाजपा, सपा, बसपा ने कहा नहीं पड़ेगा फर्क
दरअसल, अजहरुद्दीन २०१९ का लोकसभा चुनाव मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से लडऩा चाहते थे। इसके लिए वह दो साल से प्रयासरत थे। पिछले साल उन्होंने उम्मीदवार दर्शाते हुए नेहरू युवा केंद्र में रोजा इफ्तार भी कराया। उनके चहेते प्रचार भी करने लगे थे। ऐसे में भाजपा और सपा के समीकरण बदलने के कयास लगाए जा रहे थे। सभी दलों ने अपने दावे जाहिर कर अजहरुद्दीन को सियासी क्रिकेट की पिच पर न उतरने का तानाबाना बुनना शुरू कर दिया था। कई कांग्रेसी भी उन्हें पिच पर न उतरने की सलाह दे रहे थे लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी होने से उनकी जुबान दबी-दबी थी।
कई के चेहरों पर खुशी तो कुछ के चेहरे मुर्झाये
अजहरुद्दीन को तेलंगाना का प्रभारी बनाने से कांग्रेस से चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं के चेहरों पर मुस्कुराहट है। नाम न छापने की शर्त पर वह कहते हैं कि अजहर के मौजूद रहने से टिकट मिलना मुश्किल था लेकिन अब रास्ता आसान हो गया है। आलाकमान का नजरिया भी उनके प्रति नरम हो सकता है। सपा व बसपा ने भी राहत महसूस की है, हालांकि भाजपा ने अजहर के चुनाव लडऩे व न लडऩे को तवज्जो नहीं दी है।
तब और अब की परिस्थितियों में बदलाव आया
अजहर २००९ में लोकसभा चुनाव जीतकर मुरादाबाद के सांसद बने थे। तब और अब की परिस्थितियों में बदलाव आया है। उस समय वह एक स्टार के तौर पर लोगों के दिलों पर छाए थे। २०१९ के चुनाव में उन्हें सवालों का जवाब देना था।जिला अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी डॉ. एपी सिहं कहते हैं कि अजहरउद्दीन को तेलंगाना का प्रभारी बनाकर आलाकमान ने नई जिम्मेदारी सौंपी है,जो कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए गौरव की बात है।