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सांसद आजम खां के करीबी पूर्व सीओ आले हसन 14 दिन तक अस्थायी जेल में रहेंगे

उनके पास से जो आधार कार्ड मिला उस पर फोटो उनका ही था लेकिन नाम शरीफ अहमद पुत्र रहमत अली निवासी बेनीपुर थाना दीदीनगर जिला बुलंदशहर लिखा था।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 12:40 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 12:40 PM (IST)
सांसद आजम खां के करीबी पूर्व सीओ आले हसन 14 दिन तक अस्थायी जेल में रहेंगे
सांसद आजम खां के करीबी पूर्व सीओ आले हसन 14 दिन तक अस्थायी जेल में रहेंगे

रामपुर, जेएनएन। सांसद आजम खां के करीबी पूर्व सीओ आले हसन खां को पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया। इससे पहले उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका मेडिकल और कोरोना टेस्ट कराया गया। इसके बाद जिला कारागार के पास ही बनी अस्थायी जेल में दाखिल कर दिया। सपा सरकार में वह यहां सीओ सिटी रहे थे। पिछले साल सांसद आजम खां और उनके करीबियों के खिलाफ ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज किए गए थे। आले हसन खां के खिलाफ भी 53 मुकदमे दर्ज हुए।जेल अधीक्षक पीडी सलौनिया ने बताया कि 14 दिन तक अस्थायी जेल में रखा जाएगा। कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने और 14 दिन की अवधि पूरी होने के बाद जिला कारागार में दाखिल करेंगे। 

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 सोमवार को वह अदालत में आत्म समर्पण के लिए आए थे, लेकिन उन्हें अदालत में हाजिर होने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। जिस मुकदमे में उनकी गिरफ्तारी की गई है, वह छह अक्टूबर 2019 को आगापुर गांव निवासी मुन्ने खां पुत्र जुम्मा खां ने सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज कराया था। इसमें आरोप था कि तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन खां, लेखपाल आनंदवीर, जमीन अहमद और जरीफ अहमद ने उनकी व अन्य किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा करा दिया । इस मुकदमे में वह फरार चल रहे थे। इस पर एसपी ने उनकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा था। अदालत ने भी इस मुकदमे में हाजिर न होने पर वारंट और कुर्की नोटिस जारी कर दिए थे। सोमवार को पुलिस को सूचना मिली कि आले हसन इस मुकदमे में कोर्ट में आत्मसमर्पण करने वाले हैं। इस पर पुलिस ने अदालत में पहुंचने से पहले कलेक्ट्रेट से गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने उनके वारंट और कुर्की नोटिस भी जारी किए। एसपी ने उनकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम भी रखा था। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद तलाशी के दौरान पुलिस को उनके पास से फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पहचान पत्र और हाईकोर्ट का फर्जी आदेश मिला। इस पर सिविल लाइंस पुलिस ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी करके फर्जी दस्तावेज रखने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया। मंगलवार को सिविल लाइंस कोतवाली प्रभारी बिजेंद्र ¨सह कड़ी सुरक्षा में उन्हें जिला अस्पताल ले गए, जहां मेडिकल और कोरोना की जांच कराई। इसके बाद अदालत में पेश किया। अदालत के आदेश के बाद उन्हें जेल भेज दिया।

पहचान पत्र पर नाम शरीफ खां और फोटो आले हसन खां का लगा

जमीनों पर कब्जा करने के मुकदमे में गिरफ्तार पूर्व सीओ आले हसन खां के पास से पुलिस को कई फर्जी दस्तावेज मिले हैं। कोतवाली प्रभारी ब्रिजेन्द सिंह  ने बताया कि तलाशी के दौरान पूर्व सीओ के पास से फर्जी दस्तावेज मिले हैं। इनमें फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पुलिस पहचान पत्र और हाईकोर्ट का फर्जी आदेश मिला है। हाईकोर्ट का फर्जी आदेश इसी मुकदमे में गिरफ्तारी स्टे का था, जिसे हाईकोर्ट की वेबसाइट पर चेक किया गया तो ऐसा कोई आदेश पुलिस को नहीं मिला। उनसे जो पहचान पत्र मिले हैं, उनमें फोटो तो उनका ही था, लेकिन नाम शरीफ अहमद लिखा था। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि पूर्व सीओ आले हसन पुत्र हसन अली खां मूल रूप से बुलंदशहर जिले के थाना कोतवाली देहात के ग्राम कोलसेना के रहने वाले हैं। उनके पास के पुलिस पहचान पत्र पर भी वर्दी पहने पूर्व सीओ का फोटो लगा है, लेकिन नाम और पता आधार कार्ड वाला ही अंकित था। 


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