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फिर से छाई धुंध ने बढ़ाया प्रदूषण का स्तर Moradabad News

जेएनएनमुरादाबाद देश में प्रदूषित हवा का मुद्दा एक बार फिर गर्माता जा रहा है। राजधानी दिल्ली से लेकर प्रदेश के कई शहर एक बार फिर प्रदूषण की चपेट में हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 07:50 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 07:54 AM (IST)
फिर से छाई धुंध ने बढ़ाया प्रदूषण का स्तर Moradabad News
फिर से छाई धुंध ने बढ़ाया प्रदूषण का स्तर Moradabad News

जेएनएन,मुरादाबाद : देश में प्रदूषित हवा का मुद्दा एक बार फिर गर्माता जा रहा है। राजधानी दिल्ली से लेकर प्रदेश के कई शहर एक बार फिर प्रदूषण की चपेट में हैं। मुरादाबाद भी इससे अछूता नहीं है। बुधवार को रेड जोन में दर्ज की गई शहर की हवा गुरुवार को भी रेड जोन में रही, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के शाम पांच बजकर 39 मिनट के बुलेटिन के मुताबिक मुरादाबाद देश का 27वां सबसे प्रदूषित शहर रहा, हवा का गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 333 दर्ज किया गया।

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गाजियाबाद और नोएडा 484 एक्यूआइ के साथ लगातार दूसरे दिन संयुक्त रूप से देश के सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किए गए। हवा में बढ़े प्रदूषण स्तर के चलते गुरुवार को मौसम में धुंध छाई रही। दिनभर एक्यूआइ का स्तर साढ़े तीन सौ के आस पास ही दर्ज किया गया। दोपहर में धूप जरूर रही, लेकिन हवा में बहाव न होने के चलते एक्यूआइ में सुधार नहीं दिखा। लिहाजा, बुधवार को प्रदूषित हवा की सूची में 31वें स्थान पर दर्ज किया गया शहर 27वें स्थान पर रहा। ऐसे में लगातार प्रदूषित हवा का दंश झेल रहे शहर में प्रदूषण हवा की समस्या नासूर बनती जा रही है।

बारिश ही प्रदूषित हवा से निजात का एकमात्र विकल्प

विशेषज्ञों की मानें तो हवा में प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया है कि यह आसानी से साफ नहीं होने वाली। पहले तो एक्यूआइ में सुधार के लिए हवा का बहाव अति आवश्यक है, तभी सूक्ष्मकण दूर हो सकेंगे। ऐसे में जानकारों का कहना है कि बारिश ही प्रदूषित हवा से निजात का एकमात्र विकल्प है। मुसीबत यह है कि इधर बारिश के कोई आसार नहीं बन रहे। ऐसे में लगातार प्रदूषित होती हवा से शहरवासियों पर संकट के बादल गहराते जा रहे हैं।

प्रदूषित शहरों की सूची पर नजर :

शहर एक्यूआइ

1-गाजियाबाद 484

1-नोएडा 484

2-ग्रेटर नोएडा 466

3-पलवल 464

3-दिल्ली 464

4-भिवाड़ी 450

5-फरीदाबाद 434

नोट : आंकड़े केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के शाम पांच बजकर 39 मिनट के बुलेटिन के मुताबिक।  


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