मुरादाबाद में बाढ़ ने 40 हजार किसानों की फसलों को किया बर्बाद, सर्वे रिपोर्ट के बाद पहुंचाई जा रही मदद
Compensation for flood Destroyed Crop फसलों के नुकसान का 89 लाख रुपये जल्द ही किसानों के खाते में पहुंच जाएंगे। अक्टूबर माह में बिना मौसम के हुई बरसात ने जनपद के 40 हजार किसानों का बड़ा नुकसान हुआ है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Compensation for flood Destroyed Crop : बेमौसम बरसात के बाद कोसी की बाढ़ से 40 हजार किसानों की फसल बर्बाद हुई है। प्रशासन की सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों के आंसू पोंछने का काम शुरू कर दिया है। पहले चरण में पांच हजार किसानों को एक करोड़ 10 लाख रुपये की मदद दी जा चुकी है। 3300 किसानों की फसलों के नुकसान का 89 लाख रुपये जल्द ही उनके खातों में पहुंच जाएगा।
अक्टूबर माह में बिना मौसम के हुई बरसात ने जनपद के 40 हजार किसानों का बड़ा नुकसान हुआ है। बारिश ने ताे नुकसान पहुंचाया ही बाद में अलग-अलग बांध से छोड़े गए पानी ने भी दर्जनों गांव के किसानों की फसल चौपट कर दी। प्रशासन की ओर से कराए गए सर्वे के अनुसार जिले में 40,936 किसान ऐसे हैं, जिनकी फसल को 33 फीसद से अधिक नुकसान हुआ है। इसमें किसानों की धान, उड़द, सरसों और आलू को नुकसान दिखाया गया है। लेकिन, अभी तक शासन के पोर्टल पर केवल 26 हजार किसानों के नुकसान का ब्योरा दर्ज हुआ है। जिन किसानों का ब्योरा पोर्टल पर दर्ज हुआ है, उनमें से करीब पांच हजार किसानों को एक करोड़ दस लाख रुपये का भुगतान कर दिया है। वहीं, 3300 किसानों के 89 लाख रुपये के भुगतान सोमवार तक होना है। लेकिन, तमाम किसान अभी तक भी ऐसे हैं, जिनके आंसू सरकार नहीं पोंछ पाई है। इनमें ऐसे किसान भी हैं, जिनकी फसलें नष्ट होने की वजह से बेटी-बेटों की शादी करने के अरमान भी धरे रह गए।
मेरे बेटे विवेक की 21 नवंबर शादी है। बाढ़ से छह बीघा धान की खेती खराब हो गई है लेकिन, मुआवजा अभी तक नहीं मिल सका है।
कैलाश चन्द यादव, ग्राम अक्का पांडे
मेरी 10 बीघा जमीन में धान की फसल लहलहा रही थी। बारिश और बाढ़ ने सब खराब कर दिए। घर में खाने तक को अनाज नहीं है।
चंद्रपाल सिंह, ग्राम मनकरा
हमारे खेत में लगभग छह बीघा धान की फसल खड़ी थी। बरसात से फसल खराब होने के बाद अभी तक भी मुआवजा नहीं मिला है।
मुहम्मद तारिक, ग्राम मिलक डिलारी
फरवरी माह में बेटी की शादी करनी है। सोचा था फसल अच्छी है। लेकिन, 15 बीघा के लगभग धान खराब हो गए। सर्वे होने के बाद कुछ मदद नहीं मिली।
राजेंद्र सिंह यादव, ग्राम नाजरपुर
बाढ़ के पानी से उनकी और उनके भाई विक्की शर्मा की 19 बीघा धान की फसल चौपट हो गई है। मुआवजे के लिए अफसरों के यहां भटकना पड़ रहा है।
नीरज शर्मा, ग्राम अक्का डिलारी
फसल बीमा कराने वाले सिर्फ 90 किसानों को मिलेगी मदद : जिले में बाढ़ से बर्बाद होने वाले सभी किसानों को अभी तक मदद नहीं मिल सकी है। फसल बीमा कराने वाले किसानों को सबसे अधिक परेशानी है। कंपनी के लोग 72 घंटे के अंदर सूचना न देने वाले किसानों को बीमा पालिसी का लाभ देने के लिए तैयार नहीं हैं। उप कृषि निदेशक सीएल यादव ने बताया कि जिले में सात हजार किसानों ने फसलों का बीमा कराया था। जिले के कुल 120 किसानों ने 72 घंटे के अंदर अपनी फसलों के नुकसान की सूचना देकर बीमा पालिसी का लाभ लेने का दावा दिया था। लेकिन, इनमें से 90 किसान ही पात्र पाए गए हैं। इन किसानों की 25 फीसद से अधिक फसलों को नुकसान हुआ है। पात्रता के दायरे में आने वाले किसानों को बीमा योजना का लाभ दिलाने की कोशिश की जा रही है।