रामपुर की जेल में पहले दिन गुमसुम रही बावनखेड़ी हत्याकांड की खलनायिका शबनम Moradabad news
अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या करने वाली बावनखेड़ी हत्याकांड की खलनायिका शबनम का पहला दिन रामपुर जेल में गुमसुम बीता।
रामपुर : अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या करने वाली बावनखेड़ी हत्याकांड की खलनायिका शबनम का पहला दिन रामपुर जेल में गुमसुम बीता। उसने किसी से बात नहीं की। हालांकि महिला बैरक में बच्चों के साथ उसने दुलार जरूर जताया।
प्रेमी सलीम के साथ मिलकर किया था सात अजीजों का कत्ल
अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव में 14 अप्रैल 2008 की रात शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर माता-पिता समेत सात लोगों की कुल्हाड़ी से गला रेतकर हत्या कर दी थी। वह प्रेमी से शादी करना चाहती थी लेकिन, परिजन इसके लिए तैयार नहीं थे। इस पर शबनम ने प्रेमी के साथ मिलकर इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया। पहले उसने पूरे परिवार को दूध में नशीला पदार्थ दिया था और उनके बेहोश होने बाद प्रेमी को घर बुलाकर पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया था। घटना के समय वह गर्भवती थी। वर्ष 2010 में दोनों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इस हत्याकांड में दोषी सलीम आगरा जेल में बंद है, जबकि शबनम तब से मुरादाबाद की जेल में ही बंद थी। उसे रविवार को रामपुर जेल स्थानांतरित कर दिया गया।
शबनम के साथ बैरक में बंद हैं 45 महिलाएं
उसे यहां 14 नंबर महिला बैरक में रखा गया है। इस बैरक में शबनम समेत 45 महिलाएं बंद हैं। नई जगह आने पर पहली रात शबनम की करवटें बदलते हुए गुजरी। उसने किसी से बात नहीं की। सोमवार को भी वह दिन भर गुमसुम ही रही। सुबह नाश्ते में अन्य बंदियों के साथ चाय और पावरोटी खाई, जबकि दिन में दाल-रोटी और सब्जी खाई। जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि शबनम समेत यहां 15 महिलाओं को भेजा गया है। 30 महिला बंदी पहले से थीं। शबनम से उसकी अपील के बारे में जानकारी की गई तो उसने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में एक बार याचिका खारिज हो चुकी है। अब पुनर्विचार याचिका दायर कर रखी है, जिस पर अभी निर्णय आना बाकी है।