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घर के झगड़े में पिता ने दे दी थी जान, सदमे में बेटी ने भी मौत को लगा लिया गले Sambhal News

घर के झगड़े में एक पिता ने एक महीने पहले फांसी के फंदे पर लटककर जान दे दी थी। सदमे में एक बेटी ने भी ऐसा ही कदम उठा लिया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 02:25 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 04:12 PM (IST)
घर के झगड़े में पिता ने दे दी थी जान, सदमे में बेटी ने भी मौत को लगा लिया गले  Sambhal News
घर के झगड़े में पिता ने दे दी थी जान, सदमे में बेटी ने भी मौत को लगा लिया गले Sambhal News

सम्भल, जेएनएन। घर के झगड़े जब समझौते के दायरे से बाहर निकल जाते हैं तो इसके भयावह परिणाम सामने आते हैं। रिश्तों में कड़वाहट जीवन में खुशियों की मिठास कम कर देती है। ऐसा ही एक वाकया इन दिनों सुर्खियों में है। आगे की जानकारी देने के लिए आपको जिले के एक गांव में लेकर चलते हैं। 

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जिले के गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में एक किसान का परिवार रहता है। परिवार में किसान, उसकी पत्नी और तीन बेटिया हैं। घर में पारिवारिक कलह चल रही थी। इससे किसान उबर नहीं पा रहा था। आजिज आकर उसने आत्मघाती कदम उठा लिया। एक महीने पहले उसने जंगल में एक पेड़ से फांसी का फंदा बनाकर जान दे दी थी। दुख के इस बड़े बोझ पूरे परिवार को तोड़ दिया था। बेटियां भी गुमसुम रहने लगी थीं। 

सो रहा था परिवार एक बेटी ने लगा ली फांसी 

किसान की तीन बेटियों में से एक  डिग्री कालेज में बीए की छात्रा थी। पिता की मौत का सदमा वह सहन नहीं कर पा रही थी। परिजन उसे बार-बार दिलासा दे रहे थे कि जो कुछ हुआ वह गलत हुआ, अब परिवार के बारे में सोचो और आगे बढ़ो। शुक्रवार की सुबह परिजन घर के आंगन में सो रहे थे। छात्रा घर के कमरे में थी। 

फंदे से शव लटका देख उड़ गए होश 

परिजन कमरे में पहुंचे तो छात्रा का शव फांसी पर लटका मिला। आनन-फानन में परिजनों ने छात्रा के शव को नीचे उतारा। छात्रा की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस को सूचित किए बिना परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

एक महीने में दो मौतों से टूटा परिवार 

एक महीने में दो मौतों से परिवार पूरी तरह टूट गया है। पिता की मौत पर दिलासा देने पहुंचे रिश्तेदार फिर से वही मंजर देखकर हैरान रह गए। इस बार दिलासा देने के लिए भी उनके शब्द कम पड़ गए। गांव के लोग भी इस घटना से स्तब्ध हैं। 

कुंठा से उठा रहे गलत कदम 

परिवार में जब कोई मनमुटाव हो तो उसे बातचीत के जरिये ही सुलझाया जा सकता है। जान देने से इसका हल नहीं निकल सकता है। परिवार के प्रत्येक सदस्य को इसे समझने की जरूरत है। एक-दूसरे को जानना जितना जरूरी है, उससे कहीं ज्यादा जरूरी है एक-दूसरे को इज्जत देना। 

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