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मौसम की मार से बेहाल हुए किसान, फसलों को नुकसान,मुआवजे की मांग Amroha News

गेहूं की फसल खेतों में बिछी सरसों की झड़ गई। गोभी को लग गया रोग आलू की फसल भी हुई बेकार।

By Ravi SinghEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 05:17 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 05:17 PM (IST)
मौसम की मार से बेहाल हुए किसान, फसलों को नुकसान,मुआवजे की मांग Amroha News

अमरोहा,जेएनएन। मौसम की मार से किसान परेशान हैं। बारिश तो कभी ओलावृष्टि से उनकी फसल को नुकसान हो रहा है। गेहूं की फसल जहां खेतों में बिछ गई है वहीं, सरसों झड़ गई है। बारिश से गोभी की फसल को रोग लग गया है। ओले ने उसको बेकार कर दिया है। यही हाल आलू की फसल का है। खेतों में खड़ी गन्ने की फसल भी गेहूं की तरह ढह गई है। हैरानी की बात ये है कि अभी तक विभाग 15 से 25 फीसद तक ही फसलों को मौसम की वजह से नुकसान मानकर चल रहा है। बहरहाल, अब उनके द्वारा गांव-गांव जाकर आंकड़े को जुटाने का कार्य शुरू कर दिया है।

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लगातार बदल रहा है मौसम

कभी तेज हवा के साथ बरसात तो कभी ओलावृष्टि ने किसानों के माथे पर ङ्क्षचता की लकीरें खींच दी हैं। बाली वाली गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान होना किसान बता रहे हैं। यह फसल खेतों में पूरी तरह बिछ गई है और इससे उसके उत्पादन में भारी कमी का अंदेशा जता रहे हैं। ऐसी ही स्थिति सरसों की है। अगेती सरसों पूरी तरह पककर तैयार थी लेकिन, मौसम की मार से वह बेकार हो चुकी है। पिछैती फसल भी ढह गई है। अधिकारियों की बात पर यकीन करें तो बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसलों में 15 से 25 फीसद ही नुकसान हुआ है। गेहूं को ज्यादा नुकसान नहीं है।

किसानों की गेहूं की फसल में ज्यादा नुकसान नहीं है। हां, सरसों की अगेती फसल जरूर ओलावृष्टि से नष्ट हुई है। ऐसे किसानों को चिन्हित किया जा रहा है। इसके बाद उनको सरकार से लाभ दिलाने की कार्रवाई की जाएगी।

राजीव कुमार ङ्क्षसह, जिला कृषि अधिकारी

मेरे पास छह बीघा जमीन में गेहूं की फसल थी। पहले बारिश पड़ गई तो उसमें रोग लग गया। दवाई का छिड़काव किया लेकिन, फिर ओलावृष्टि हो गई। इससे पूरी फसल बर्बाद हो गई है। एक लाख से अधिक का नुकसान हुआ है।

साजन ङ्क्षसह, हमीदपुर।

गेहूं की फसल ओलावृष्टि से बेकार हो गई है। खेत में बिछने के अलावा उसकी बॉली भी मुड़कर सूखने लगी है। गन्ने का आगोला गायब हो गया है। इस समय हो रही बारिश किसी भी तरह फायदेमंद नहीं है। इससे तो अब नुकसान ही हो रहा है।

नौङ्क्षसह, सरकड़ा कमाल।

मौसम ने इस बार सरसों की फसल को नष्ट कर दिया है। दो बीघा फसल थी लेकिन, ओलावृष्टि से वह पूरी तरह खेत में ही झड़ गई। पिछैती सरसों की फली नहीं झड़ी तो वह टूटकर मुड़ गईं। अबकी बार तो सबसे ज्यादा नुकसान फसल को हुआ है।

सुबोध कुमार, अव्वलपुर।

अधिकारी कुछ भी कहें लेकिन, बीते सालों की अपेक्षा इस बार गेहूं की पैदावार बहुत ही कम होगी क्योंकि, बारिश व ओला पडऩे से अधिकतर किसानों की गेहूं खेतों में बिछकर बेकार हो गई है। किसानों को सरकार द्वारा अब राहत मिलनी चाहिए।

विजेंद्र ङ्क्षसह। 


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