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जुगनू की खेती से मालामाल हो रहे किसान, आप भी अपनाएं ये तरीका Rampur News

परंपरागत खेती से लगातार नुकसान उठा रहे किसान वैज्ञानिक विधि से खेती कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। रामपुर के किसान इस दिशा में बेहतर कर रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 05:35 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 05:35 PM (IST)
जुगनू की खेती से मालामाल हो रहे किसान, आप भी अपनाएं ये तरीका Rampur News

रामपुर, जेएनएन।  किसान आय बढ़ाने के लिए खेती में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। सैदनगर ब्लाक में गन्ना, गेहूं और धान की खेती करने के बजाय अब बागवानी के साथ जुगनू की खेती में भी करने लगे हैं। जुगनू रंग में खीरे और तोरई की तरह होता है। लेकिन, आकार में कुछ बड़ा है। उत्पादन भी इसका ज्यादा होता है। खेत में इसकी कीमत एक हजार से लेकर डेढ़ हजार रुपये ङ्क्षक्वटल तक है। 

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परंपरागत खेती घाटे का सौदा 

परंपरागत खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बन रही है। ऐसे में किसान आय बढ़ाने के लिए नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। ऐसे ही कुछ किसान सैदनगर ब्लाक में हैं जो बागवानी में आलू, मटर, खीरा, औषधियों, करेला और पालक के अलावा जुगनू की खेती में हाथ आजमा रहे हैं। दर्जन भर से ज्यादा किसान इसकी खेती कर रहे हैं। प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों में भी जुगनू की मांग ज्यादा है। उत्पादन भी इसका ज्यादा होता है। इस समय इसकी फसल तैयार है, और किसान इसको दिल्ली व मेरठ की मंडी में ले जाकर बेच रहे हैं।

खेत से ही ले जा रहे आढ़ती 

नगलिया आकिल के किसान इरफान अली का कहना है कि जुगनू को आढ़ती खेत से ही उठाकर ले जाते हैं। खेत में इसकी कीमत इस समय एक हजार के आसपास है, जबकि पहले डेढ़ हजार रुपये थी। अक्टूबर माह में यह फसल बोई जाती है और दो माह में फसल तोडऩे के लिए तैयार हो जाती है। वह एक बार फसल तोड़ चुके हैं। अब दोबारा तोडऩे की तैयारी है। इसी महीने में दो बार और तोड़ी जाएगी। उनका कहना है कि धान और गेहूं की खेती के मुकाबले इसमें करीब दो गुना फायदा है। उनका कहना है कि इस समय दाम कम हैं, लेकिन पहले अच्छे दाम थे। उनका कहना है कि अच्छी आमदनी हो जाती है। यही वजह है कि क्षेत्र के किसानों का रुझान जुगनू की खेती की ओर बढ़ रहा है। 


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