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तेंदुए की दहाड़ ने बढ़ाई दिलों की धड़कन, किसान बेहोश

डिलारी के गांव रहटामाफी में तेंदुए को देख एक किसान कांप उठा। उसने आबादी की ओर दौड़ लगाकर अपनी जान बचाई लेकिन वहां पहुंचकर बेहोश हो गया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 01:16 AM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 11:20 AM (IST)
तेंदुए की दहाड़ ने बढ़ाई दिलों की धड़कन, किसान बेहोश

मुरादाबाद, जेनएन । डिलारी के गांव रहटामाफी में तेंदुए को देख एक किसान कांप उठा। उसने आबादी की ओर दौड़ लगाकर अपनी जान बचाई लेकिन वहां पहुंचकर बेहोश हो गया। ग्रामीणों ने मुंह पर पानी के छीटें मारकर उसे होश में लाया। इसके बाद ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर पहुंचे और तेंदुए को खदेड़ा। ग्राम प्रधान आसिफ ने बताया कि तेंदुआ कई माह से जंगल और आबादी के पास देखा जा रहा है। वह कई लोगों पर हमला भी कर चुका है। इससे खादर क्षेत्र के करीब 20 गांव मलकपुर सेमली, चाबड़, सुल्तानपुर खद्दर, नारायपुर तेज, मलियाबाद, इगाह, काजीपुरा, निहाली, मुस्तफापुर, चहुंपुरा, सहसपुरी आदि में दहशत बनी हुई है। दहशतजदा ग्रामीणों ने पिंजरा लगाने की मांग की है।

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अब तक ये हो चुकी हैं घटनाएं

17 सितंबर को बालापुर गाव के रहने वाले दस वर्षीय शिवा को तेंदुए ने मार डाला। 22 दिसंबर को खेत गई ख्वाजापुर की मंडैया निवासी सात वर्षीय महिमा को तेंदुए ने मार डाला।

इन गांवों में है तेंदुए का खौफ

क्षेत्र के गांव रहटा माफी पायदापुर, नारायणपुर, अलियाबाद, करनपुर, चन्दुपुरा, सुल्तानपुर खद्दर, मलकपुर सेमली, काजीपुरा सिहाली खद्दर आदि की आबादी के पास तेंदुआ घूम रहा है। भयभीत ग्रामीण रात को मकान की छत पर बैठकर गुजार रहे हैं और टोलियां बनाकर पहरेदारी करने को मजबूर हैं।

वन विभाग नहीं दे रहा ध्यान

वन विभाग की टीम ने गांवों में पिंजरा लगाना भी बंद कर दिया है जिससे ग्रामीणों कि चिंता और बढ़ गई है। दहशतजदा ग्रामीणों को आशंका है कि तेंदुआ किसी की जान ले सकता है।

आंदोलन के मूड में ग्रामीण

ग्रामीण आदिल, शाकिर, हेमंत, बाबूराम, शंकर आदि कहना है कि खादर के सभी गांवों के प्रधानों की बैठक करके आंदोलन की रणनीति तय जाएगी। सबसे पहले किसानों के साथ जिला मुख्यालय पर धरना दिया जाएगा। सरकारी तंत्र सक्रिय नहीं हुआ तो लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलेंगे। उन्होंने कहा है कि ग्रामीण रोजाना जान जोखिम में डालकर जीने को मजबूर हैं। 


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