खुद न पढ़ सका लेकिन बीवी को पढ़ाएगा फहीम, नवदंपती का संकल्प आप को भी कर देगा प्रभावित Moradabad News
चालक पति ने सरकारी इमदाद से पत्नी को पढ़ाने का लिया संकल्प। दंपती बोला सामूहिक विवाह योजना से मिला सपने पूरे करने का मौका।
मुरादाबाद (आशुतोष मिश्रा)। खिलखिलाता चेहरा और खुशी से लबरेज मन। मानो, दुनिया की सारी दौलत मिल गई हो। पहले दोनों सकुचाते हैं। एक-दूसरे को निहारते हैं। पहले शौहर हंसता है और उसके बाद बीवी इशारों में कुछ कहने की कोशिश करती है।
बात आगे बढ़ती है तो पति खुद के अनपढ़ होने की कहानी से पर्दा उठाता है। दुल्हन को देखता है और इसके बाद यह संकल्प लेता है कि सरकार की ओर से मिले पैसे से बीवी को पढ़ाएगा। बच्चों को भी तालीम दिलाएगा।
दोनों का हुआ निकाह
यह दृश्य है पंचायत भवन परिसर में आयोजित सामूहिक विवाह जलसे के जोड़े (फहीम-मोजमा) का। गुरुवार को दिन के एक बजे काजी ने ठाकुरद्वारा के ढकिया निवासी फहीम और स्योहारा की मोजमा संग दो गवाहों के सामने निकाह कबूल कराया। फिर शुरू हुआ दोनों परिवारों के बीच मुबारकबाद का सिलसिला।
बच्चों को तालीम देने का संकल्प
ड्राइवर फहीम ने पढ़ाई नहीं की है। उसके पीछे गुरबत को कारण ठहराता है। उसने कहा इस पैसे से में अपनी बीवी को तालीम दिलाऊंगा। मोजमा भी मलाल जताती है कि उसकी पढ़ाई अधूरी रह गई। लेकिन, दोनों अपनी औलाद को बेहतर तालीम देने का संकल्प ले लेते हैं।
बातचीत में मोजमा कहती है पहले मैं खुद आगे की पढ़ाई करूंगी। मेडिकल लाइन में जाऊंगी। कहा कि घर की हालत सही नहीं होने की वजह से पढ़ाई बीच में रुक गई थी। पढऩे-लिखने की कोई उम्र नहीं होती, जब मौका मिले तालीम को ग्रहण करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
भूरी की आंखों की बढ़ गई चमक
काशीपुर क्षेत्र के पीपल गांव निवासी भूरी की आंखों की चमक बढ़ गई थी। उसे इस बात की उम्मीद ही नहीं थी कि बेटी सैय्यदा के निकाह में इतने सारे लोग होंगे। मजदूर बाप शाकिर की बेटी सैय्यदा का सहसपुर अली निवासी नईम संग काजी ने निकाह पढ़ाया तो मां और बहनों की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। मां भूरी बोलीं, सरकार की मदद ने मुझे राहत दी। मेरे जैसों के लिए यह बड़ा रहम है।