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फहीम एटीएम की फरारी के बाद पुलिस ने बड़े अपराधियों की पेशी पर निगरानी का तरीका बदला, पढ़ें क्या है वो

Faheem ATM Absconding Case पुलिस अभिरक्षा से फरार हिस्ट्रीशीटर फहीम एटीएम को गिरफ्तार करने में पुलिस नाकाम रही है। लेकिन इस घटना के बाद बंदियों को पेशी पर ले जाने को लेकर नौ सूत्रीय निर्देश जारी किए गए हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 11:32 AM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 11:32 AM (IST)
फहीम एटीएम की फरारी के बाद पुलिस ने बड़े अपराधियों की पेशी पर निगरानी का तरीका बदला, पढ़ें क्या है वो
Faheem ATM Absconding Case : कंट्रोल रूम से पल-पल की अफसर लेंगे जानकारी

मुरादाबाद, जेएनएन। Faheem ATM Absconding Case : पुलिस अभिरक्षा से फरार हिस्ट्रीशीटर फहीम एटीएम को गिरफ्तार करने में पुलिस नाकाम रही है। हिस्ट्रीशीटर के फरार होने के बाद बिजनौर के प्रतिसार निरीक्षक समेत छह पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही बंदियों को पेशी पर ले जाने को लेकर नौ सूत्रीय निर्देश जारी किए गए हैं। कुख्यात बंदियों की निगरानी के लिए एसटीएफ और एटीएस यूनिट को भी जानकारी दी जाएगी। जीपीएस लोकेशन के माध्यम से यह दोनों यूनिट बंदियों की पेशी की निगरानी करेंगी।

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कांठ थाने का हिस्ट्रीशीटर फहीम एटीएम को बीते पांच मई को बिजनौर पुलिस लाइन में तैनात सिपाही राहुल व दिनेश बिजनौर जेल से मुरादाबाद पेशी पर लाया गया था। सिपाही बस से पीली कोठी चौराहे पर उतरने के बाद मर्सिडीज कार से पाकबड़ा के हाशिमपुर मुहल्ला स्थित आवास में ले गए। घर पहुंचकर सिपाहियों को कमरे में बंद कर दूसरे कमरे की दीवार काटकर पत्नी के साथ फरार हो गया था।

24 दिन बाद भी पुलिस की टीमें फरार हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार नहीं कर सकी हैं। इस घटना के बाद डीआइजी शलभ माथुर ने जोन के सभी पुलिस अधिकारियों को नए नियमों को पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इसमें बड़े अपराधियों की दूसरे जनपद में पेशी से पूर्व एसटीएफ और एटीएस यूनिट को जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही उसके रूट प्लान के बारे में बताया जाएगा। एसटीएफ यूनिट गूगल मैप के जरिए अपराधी की पेशी के दौरान आनलाइन मानीटरिंग करेगी।

पुलिस लाइन में बनेगा कंट्रोल रूमः पेशी पर जाने वाले बंदियों की निगरानी के लिए पुलिस लाइन में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। प्रतिसार निरीक्षक की निगरानी में इस कंट्रोल रूम का संचालन होगा। पेशी पर गए सिपाहियों को प्रत्येक घंटे रास्ते के थाने या माइल स्टोन के पास से सेल्फी खींचकर भेजनी होगी। इसके साथ ही पेशी पर जाने वाले सिपाहियों को जीपीएस चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

डीआइजी शलभ माथुर ने बताया कि पेशी पर जाने वाले बंदियों की सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस लाइन के वाहन से ही बंदियों को पेशी पर भेजा जाएगा। इसके साथ ही प्रत्येक वाहन सीसीटीवी लगाए जाएंगे। कुख्यात बंदियों की पेशी से पूर्व एसटीएफ और एटीएस यूनिट को भी रूट प्लान की जानकारी दी जाएगी। नियमों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।


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