Move to Jagran APP

भीषण गर्मी से झुलसने लगीं फसलें,बार-बार करनी पड़ रही सिंचाई Moradabad News

जैसे-जैसे पारा ऊपर जा रहा है किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचती जा रही हैं। ज्यादा सिंचाई करने से किसानों पर अतिरिक्त बोझ है।

By Edited By: Published: Tue, 26 May 2020 11:25 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 03:55 PM (IST)
भीषण गर्मी से झुलसने लगीं फसलें,बार-बार करनी पड़ रही सिंचाई Moradabad News
भीषण गर्मी से झुलसने लगीं फसलें,बार-बार करनी पड़ रही सिंचाई Moradabad News

रामपुर,जेएनएन। बढ़ती गर्मी अब इंसानों के साथ-साथ फसलों पर भी भारी पडऩे लगी है। सूरज की तपिश से फसलें मुरझाने लगी हैं। उन्हें मुरझाने से बचाने के लिए किसानों को बार-बार ङ्क्षसचाई करनी पड़ रही है। जिसके कारण उन पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। जिस कारण किसानों के माथे पर ङ्क्षचता की लकीरें उभरने लगी हैं।

loksabha election banner

मई में भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों ने जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है। इस कारण पेड़-पौधे भी झुलसने लगे हैं। किसानों ने खेतों में साठा धान बो रखा है। इसके अलावा गन्ना, मैंथा और पालेज की फसल भी खेतों में है। हालत यह है कि धान और गन्ना की फसल आकार लेने से पहले ही गर्मी ओर लू की चपेट में आ गई है। कई दिनों से चिलचिलाती गर्मी के कारण बढ़ रहे तापमान को पौधे सहन नहीं कर पा रहे हैं। अधिकतर पौधों की पतियां झुलस गई हैं। किसानों का कहना है कि गर्मी से पौधे या तो झुलस गए हैं या फिर उनकी पत्तियां मुरझा गई है। फसलों को बचाने के लिए ङ्क्षसचाई ही एकमात्र विकल्प है। अत: उन्हें बार-बार पानी देना पड़ रहा है। जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इससे किसानों की परेशानी बढऩे लगी है।

बार-बार सिंचाई करनी पड़ रही 

किसान रामवीर सिंह कहते हैं कि गर्मी काफी पड़ रही है। हमने धान बोया हुआ है। तेज गर्मी से उसकी पत्तियां मुरझाने लगी हैं। बार-बार ङ्क्षसचाई करना पड़ रही है। इससे परेशानी हो रही है।

फसल हो रही है खराब 

शैरिया जवाहर के किसान रजा अली बताते हैं कि खेत में धान बोया हुआ है। कुछ रकबे में गन्ने की भी फसल है। पौधे अभी बड़े भी नहीं हुए हैं कि गर्मी ने प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया। इससे फसल खराब होने लगी है।

छोटे किसानों का बुरा हाल 

हमीरपुर मझरा अलीपुरा के किसान अरविंद कुमार का कहना है कि हमने धान और गन्ना बोया है। हालत यह है कि अगर बार-बार ङ्क्षसचाई न करो तो फसल खराब मुरझाने लगती है। ऐसे में छोटे किसानों का बहुत बुरा हाल है। बार-बार ङ्क्षसचाई करना उनके लिए भारी पड़ रहा है।

बरसात से चौपट हुई फसल 

 मिलक मिर्जा फैयाज के छिद्दा का मानना है कि उनकी गेहूं की काफी फसल बरसात में चौपट हो गई थी। अब गन्ना और धान बोया है। वह गर्मी और लू की भेंट चढ़ा जा रहा है। बार-बार ङ्क्षसचाई करने में पैसे की दिक्कत सामने आती है।

सिंचाई ही एकमात्र साधन 

जिला कृषि अधिकारी चंद्रगुप्त सागर ने कहा कि गर्मी से फसल को बचाने के लिए पर्याप्त ङ्क्षसचाई ही एकमात्र साधन होता है। ऐसे में जिस फसल में तीन से चार तक ङ्क्षसचाई होती थी, वहां अब पांच से छह ङ्क्षसचाई करनी पड़ेंगी। गन्ने में इस समय टिड्डी नाम का कीड़ा लग जाता है। उसके लिए ढोल आदि बजा कर उसे भगा सकते हैं। 

 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.