एक्सपोर्टर को थी सांस लेने में परेशानी, थमा दी पैरासीटामॉल
एक्सपोर्टर को थी सांस लेने में परेशानी थमा दी पैरासीटामॉल।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना प्रोटोकाल के तहत अस्पताल में खांसी, बुखार या फिर सांस लेने में परेशानी हो तो उसका कोविड-19 का नमूना लिया जाना चाहिए लेकिन, मुरादाबाद जिला अस्पताल के हालात इससे बिलकुल अलग हैं। प्रोटोकॉल तो छोड़िये स्क्रीनिग करने वाले डॉक्टरों को सर्दी-खांसी के मरीजों में कोरोना नजर नहीं आ रहा है। आने वाले मरीजों को पैरासीटामॉल और विटामिन-सी थमाकर घर भेजा जा रहा है। निर्यातक समेत परिवार के तीन सदस्यों की निजी पैथलैब से पॉजिटिव रिपोर्ट मिली तो स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई।
लाल मस्जिद क्षेत्र के रहने वाले निर्यातक डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रसित हैं। लॉकडाउन में वो घर से बाहर नहीं निकले। मुकददस रमजान में उन्होंने रोजे रखे तो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई। उनकी डायबिटीज भी 400 के पार हो चुकी थी। सांस लेने में परेशानी हुई तो उन्होंने सीएमओ कार्यालय में भी संपर्क किया तो वहां से उन्हें जिला अस्पताल भेज दिया गया। कोरोना स्क्रीनिग के नाम पर थर्मल स्कैनर से बुखार चेक किया गया और पैरासीटामॉल, विटामिन-सी और एंटीबायोटिक टेबलेट देकर उन्हें घर भेज दिया गया। उन्हें सांस लेने में परेशानी ज्यादा हुई तो जिलाधिकारी के माध्यम से फिर बात की गई। जिला अस्पताल में उनके साथ फिर वही काम किया गया। घर वापस आए तो परिवार के लोगों ने निजी पैथलैब में निर्यातक, पत्नी और उनके बेटे की जांच के लिए नमूना दिया गया। बुधवार को इन तीनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया। ये बड़ी लापरवाही बरतने से परिवार की जिदगी को दांव पर लगा दिया गया। निर्यातक को आनन-फानन में टीएमयू भेजा गया। वहां से उनके परिजन अपोलो अस्पताल दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इसके साथ ही उनकी पत्नी और बेटे को विवेकानंद नर्सिंग कालेज के क्वारंटाइन सेंटर ले जाया गया। जबकि लिस्ट में उन्हें सिद्ध अस्पताल में भर्ती दर्शाया गया है। ये बोले सीएमओ
सांस लेने में मरीज को परेशानी थी तो पहली बार में ही उनका नमूना लिया जाना चाहिए था। अस्पताल से मरीज को भेजा गया है तो ये बड़ी लापरवाही है। इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एक सप्ताह से नहीं हुई सफाई
विवेकानंद अस्पताल के क्वारंटाइन सेंटर में बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को रखा जा रहा है। यहां के कूडे़दान में एक सप्ताह से कचरा भरा हुआ है। कोरोना संक्रमित मरीजों के बार बार कहने के बाद भी सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। संक्रमित मरीजों का कहना है कि पीपीई किट और अन्य सामान से तो कोई भी संक्रमित हो जाएगा। जो मरीज ठीक हुए हैं वे भी दोबारा संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।