छुट्टी के लिए नहीं चलेगी बीमारी की कहानी, मेडिकल बोर्ड को नब्ज पड़ेगी दिखानी
एमडीए में बहाना बनाकर छुट्टी लेना अब आसान नहीं होगा।
मुरादाबाद,जासं : एमडीए में बहाना बनाकर छुट्टी लेना अब आसान नहीं होगा। बहानेबाजी करके छुट्टी लेने वाले कर्मचारियों को पर शिकंजा कसने के लिए एमडीए में मेडिकल बोर्ड का गठन होने जा रहा है। बोर्ड ही तय करेगा कि कर्मचारी बीमार है या बहाना करके छुट्टी ले रहा है।
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष यशु रुस्तगी पिछले दिनों बीमार होने की वजह से छुट्टी चली गईं थीं। उपाध्यक्ष के जाते ही एमडीए के कई इंजीनियर और बाबू भी गायब हो गए लेकिन, उपाध्यक्ष डॉक्टर के फिट बताने पर छुट्टी खत्म होने से पहले ही दफ्तर में आ गईं। उन्होंने आकर बाबुओं को इंजीनियरों के बारे में जानकारी की तो पता लगा छुट्टी पर हैं। उपाध्यक्ष ने छुट्टी पर जाने वाले सभी कर्मचारियों की सूची मांग ली। इससे बहानेबाजी करने वाले कर्मचारियों में खलबली मच गई। इतना ही नहीं सभी के छुट्टी के प्रार्थना आ गए। सभी का बहाना बीमारी का ही था। इससे नाराज होकर मैडम ने मेडिकल बोर्ड बनाने के आदेश दिए हैं। अब एमडीए में बीमारी के बहाने छुट्टी लेने वाले कर्मचारियों को मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होना पड़ेगा।
एमडीए सचिव सर्वेश कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले दो महीने से कर्मचारी कोरोना एवं अन्य बीमारियों के प्रार्थना पत्र देकर छुट्टी ज्यादा ले रहे थे। इसे लेकर उपाध्यक्ष मैडम ने उनसे जानकारी भी मांगी थी। मेडिकल बोर्ड बनाने की बात भी हुई थी। नई व्यवस्था के तहत छुट्टी लेने वाले कर्मचारियों को अब मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होना पड़ेगा। बोर्ड ही तय करेगा कर्मचारी बीमार है या बहानेबाजी कर रहा है। बार-बार छुट्टी लेने वालों पर हो सकती है कार्रवाई
एमडीएम उपाध्यक्ष के चार्ज संभालने के बाद से कुछ कर्मचारियों के ऊपर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। एमडीए के कई कर्मचारी किसी न किसी बहाने से छुट्टी जाने की कोशिश में रहते हैं। तक अस्पताल के पर्चे पर कर्मचारियों को छुट्टी मिल जाती थी। ऐसे में किसी भी डॉक्टर को दिखाकर पर्चा बनवाकर छुट्टी के लिए आवेदन कर देते थे। अब बार-बार बीमार रहने वाले कर्मचारियों की रिपोर्ट शासन तक जाएगी। सरकार ऐसे कर्मचारियों को घर भेजने के लिए तैयार बैठी है। इससे कर्मचारियों में खलबली मची हुई है।