मुरादाबाद में भी हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस पर कराया था हमला, सम्भल में दो पुलिस कर्मियों की हो चुकी है हत्या
कानपुर की घटना से पूरे देश में उबाल है। मुरादाबाद मंडल में भी इस तरह के दुस्साहस को अंजाम दिया जा चुका है। सम्भल में तो दो पुलिस कर्मियों की हत्या भी की जा चुकी है।
मुरादाबाद। कानपुर में पुलिस कर्मियों के शहीद होने की घटना से कर्मचारियों में बेहद गुस्सा है। यहां भी कई बार पुलिस पर हमले हो चुके हैं। सम्भल में पेशी से लौटते समय चन्दौसी रोड पर बनियाठेर थाने के पास बदमाशों ने दो सिपाहियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जून वर्ष 2011 में बसपा सरकार में थाना मैनाठेर क्षेत्र में बवाल के दौरान डीआइजी पर हमला हुआ था। इस दौरान पांच मुकदमे लिखे गए। इनमें से दो मुकदमों में सपा सरकार में फाइनल रिपोर्ट लग गई थी। दो मुकदमों को सरकार ने वापस ले लिया था। अब डीआइजी द्वारा लिखाया गया मुकदमा चल रहा है। नागफनी के नवाबपुरा में भी 15 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वाले सरताज अली के परिवार वालों का का सैंपल लेने के लिए नवाबपुरा गई थी। सुरक्षा के लिए पुलिस की टीम भी मौके पर तैनात थी।
इसी बीच क्षेत्रवासियों ने भीड़ को उकसाते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम पर जमकर पथराव किया था। डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ के साथ मारपीट की थी। पुलिस की गाडिय़ां भी तोड़ डाली थीं। डाक्टर व सिपाही समेत आठ लोग बुरी तरह से घायल हुए थे। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मामले में पुलिस हिस्ट्रीशीटर अकबर समेत 27 बवालियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। इसके अलावा मुरादाबाद से चन्दौसी एडीजे कोर्ट में पेशी पर ले जाए गए तीन बंदी पेशी से लौटते वक्त दो सिपाहियों की हत्या कर फरार हो गए। तीनों बंदियों और 21 अन्य बंदियों के साथ पुलिस की कैदी वैन से पुलिस सुरक्षा में मुरादाबाद जेल लाया जा रहा था। सिपाही हरेंद्र और ब्रजपाल गाड़ी में पीछे बैठे थे।
हिस्ट्रीशीटरों का वेरीफिकेशन कराया जा रहा है।यह पता लगाया जाएगा कि हिस्ट्रीशीटर कर क्या रहे हैं। शुक्रवार को कुछ हिस्ट्रीशीटरों की अचानक चेङ्क्षकग कराई गई है।
अमित पाठक, एसएसपी, मुरादाबाद