बिना टीकाकरण कार्यालय में प्रवेश नहीं कर सकेंगे कर्मचारी, बढ़ते कोरोना संक्रमण पर रेलवे का बड़ा कदम
अप्रैल व मई 2021 में कोरोना संक्रमण के बाद रेलवे प्रशासन ने सभी रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों को कोरोना का टीका लगाने के लिए अभियान चला रखा था। रेलवे अस्पताल के अलावा अन्य सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों को टीके लगवाए जा रहे थे।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रेलवे प्रशासन ने कोरोना का टीका नहीं लगवाने वाले कर्मचारियों को कार्यालय में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसके साथ ही कार्यालय परिसर में कोरोना की जांच के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। कार्यरत कर्मचारियों व आने वालों की एंटीजन व आरटीपीसीआर की जांच के लिए नमूने लिए जा रहे हैं।
अप्रैल व मई 2021 में कोरोना संक्रमण के बाद रेलवे प्रशासन ने सभी रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों को कोरोना का टीका लगाने के लिए अभियान चला रखा था। रेलवे अस्पताल के अलावा अन्य सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों को टीके लगवाए जा रहे थे। लगातार चेतावनी देने के बाद भी मंडल में दस फीसद यानी 16 सौ से अधिक कर्मचारियों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद रेल प्रशासन ने कोरोना का टीका नहीं लगवाने वाले कर्मचारियों पर ध्यान देना बंद कर दिया था। अब फिर से लगातार कोरोना संक्रमण फैल रहा है, इसके बाद रेल प्रशासन सख्त हुआ है। उत्तर रेलवे मुख्यालय के आदेश के बाद सोमवार से कोरोना का टीका नहीं लगवाने वाले और वैसे कर्मचारी जो कोरोना का प्रथम खुराक लगवा चुके हैं, लेकिन समय पूरा होने के बाद भी दूसरा खुराक नहीं लगवाया है, उसके कार्यालय आने पर पूरी रोक लगा दी है। कोरोना का टीका लगवाने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के बाद कार्यालय में आने की अनुमति दी जाएगी। जब तक टीका नहीं लगवाते हैं, तब तक अनुपस्थित माने जाएंगे। रेलवे की गाइड लाइन के बाद सोमवार को रेलवे अस्पताल के पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय में कोरोना की जांच के लिए शिविर लगाया। यहां कार्यरत सभी रेलवे कर्मचारियों व बाहर से आने वालों की एंटीजन द्वारा किट से जांच की जा रही थी। कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले कर्मचारियों के नमूने लेकर आरटीपीसीआर की जांच के लिए भेजे गए हैं। टीम को जांच में दस से अधिक कर्मी कोरोना संक्रमित मिले हैं, जिससे किसी प्रकार का कोई लक्षण नहीं था, सभी को होम क्वारंटाइन कर दिया गया है और परिवार के अन्य सदस्यों की जांच कराने को कहा गया है।