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नौकरीपेशा हर साल बदल सकते हैं आयकर स्लैब, ये हैं सुविधाएं Moradabad News

विकल्प स्लैब को कंपनियां या वे नौकरीपेशा वाले अपना सकते हैं जिसकी आय छह लाख रुपये से कम है और बचत के लिए पूंजी निवेश नहीं कर सकते हैैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 02:02 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 02:02 PM (IST)
नौकरीपेशा हर साल बदल सकते हैं आयकर स्लैब, ये हैं सुविधाएं  Moradabad News
नौकरीपेशा हर साल बदल सकते हैं आयकर स्लैब, ये हैं सुविधाएं Moradabad News

मुरादाबाद, जेएनएन। आम बजट में सरकार ने आयकर को लेकर नए प्रावधान किए गए हैं। पहले से चली आ रही व्यवस्था को बदलते हुए छूट के लिए विकल्प आधारित व्यवस्था लागू की गई है। यह व्यवस्था कितनी उपयोगी साबित होगी। इस मुद्दे पर चार्टर्ड अकाउंटेंट अजीत अग्रवाल ने बजट के नए आयकर प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। 

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पुराने के साथ नए आयकर स्लैब

उन्होंने बताया कि सरकार ने विकल्प आधारित आयकर स्लैब आम आयकरदाता को सभी झंझट से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से शामिल किया है लेकिन, यह इतना उलझ गया है कि आम आयकरदाता इससे दूर हो जाएंगे। सरकार ने पुराने के साथ नए आयकर स्लैब दिए है। यह आयकरदाता पर निर्भर करेगा कि वह किस विकल्प का चयन करता है। नौकरीपेशा हर साल पुराने व विकल्प आधारित आयकर स्लैब का चयन कर सकते हैैं। जबकि कारोबारियों को एक बार चयन करने व एक बार बदलने का अवसर मिलेगा, उसके बाद वह आयकर स्लैब नहीं बदल पाएंगे।  

नफा और नुकसान दोनों साथ-साथ 

अजीत अग्रवाल ने बताया कि पुराने स्लैब में पांच लाख रुपये तक आय होने की स्थिति में आयकर से पूर्णतया छूट है। पांच लाख से दस लाख रुपये सालाना आय पर बीस फीसद आयकर देना पड़ता है। इसके साथ ही पूंजी निवेश करने, ऋण लेने, बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य बीमा लेने पर आयकर में छूट मिलती है। सभी प्रकार की छूट का प्रयोग करके सालाना 10.50 लाख रुपये आय वाले आयकर देने बच जाते हैं। बजट में घोषित विकल्प आयकर स्लैब में सालाना पांच लाख रुपये आय होने पर कोई आयकर नहीं देना पड़ेगा और छूट का कोई लाभ नहीं मिलेगा। 

छह भागों में बांटे नए स्लैब 

इसमें टैक्स को छह भागों में बांट दिया है। ढाई लाख से पांच लाख तक पांच फीसद, पांच लाख से साढ़े सात लाख तक दस फीसद, साढ़े सात लाख से दस लाख तक 15 फीसद, दस लाख से साढ़े बारह लाख तक 20 फीसद, साढ़े बाहर लाख से 15 लाख तक 25 फीसद और उसके अधिक होने पर तीस फीसद आयकर देना पड़ेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 15 लाख रुपये सालाना आय वालों को विकल्प आयकर स्लैब के तहत 1.95 लाख रुपये आयकर देना पड़ेगा। पुराने स्लैब वालों को एक लाख एक हजार 404 रुपये आयकर देना पड़ेगा। 

बाजार में पूंजी तरलता होगी कम 

उन्होंने बताया कि विकल्प आयकर स्लैब से पूंजी निवेश में कमी आएगी। इसके बीमा, एनएससी, एनपीएस, पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना में पूंजी निवेश नहीं करेंगे। लोगों में बचत की आदत खत्म होगी। यह योजना वित्तीय वर्ष 2020-21 से लागू होगी और 31 जुलाई 2021 के रिटर्न में स्लैब को भरना होगा, तभी वित्तीय वर्ष 2021-22 में लाभ मिलेगा।    


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