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Indian Railway : ट्रेन के इंजन से बनेगी ब‍िजली, रेलवे इस योजना पर कर रहा काम

Electric power from diesel engine मालगाड़ी चलाने को फ्रेट कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है। खर्च को कम करने के लिए फ्रेट कॉरिडोर रेल मार्ग का विद्युतीकरण नहीं किया जा रहा है। इस मार्ग पर डीजल इंजन से ट्रेन चलाई जाएगी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 09:19 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 09:19 AM (IST)
डीजल इंजन को किया जाएगा अपडेट। बिना खर्च किए ट्रेन के कोच में पहुंचेगी बिजली।

मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। रेलवे लगातार तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। रेलवे अब डीजल इंजन से बिजली पैदा करेगा और ट्रेन के कोच को आपूर्ति भी करेगा। एक खर्च में रेलवे दो काम करेगा और कोच की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।

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रेलवे लगातार सभी मार्गों पर विद्युतीकरण करने जा रहा है। इसके बाद डीजल के बजाय इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन संचालन क‍िया जाएगा। खर्च की कटौती करने के लिए इलेक्ट्रिक इंजन के द्वारा कोच को बिजली की आपूर्ति करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए नए कोच बनाए जा रहे हैं। इसके बाद भी डीजल इंजन की उपयोगिता खत्म नहीं होगी। इसके अलावा देश के कुछ रेल मार्ग पर डीजल इंजन से ट्रेनों को चलाया जाएगा।

डीजल इंजन चलाना मजबूरी

भारतीय रेलवे ने अमेरिका की कंपनी से तेज गति से चलने वाला 250 इंजन मंगाए है। इसकी देखरेख करने की जिम्मेदारी अमेरिका की कंपनी के पास है। भारतीय रेल ने तीस साल तक इस इंजन को चलाने व रखरखाव करने का करार किया है। मुरादाबाद रेल मंडल के रोजा में अमेरिका कंपनी के डीजल इंजन की मरम्मत के ल‍िए वर्कशॉप तैयार किया गया है।

डीजल इंजन किए जाएंगे अपडेट

रेलवे डीजल इंजन को अपडेट कर बहुद्देशीय बनाने जा रहा है। वर्तमान में भारत और अमेरिका में निर्मित डीजल इंजन पहले बिजली का उत्पादन करता है। उस बिजली से ट्रेन के इंजन को चलाया जाता है। डीजल इंजन को अपडेट किया जा रहा है और इंजन से बनने वाली बिजली कोच में आपूर्ति की जाएगी। इससे कोच की बिजली, पंखा व एसी चलेगा। इस सिस्टम से पुराने कोच में भी बिजली की आपूर्ति की जा सकती है। मेक इन इंडिया के तहत इंजन फैक्ट्री में इसका काम भी शुरू कर दिया गया है।

अपर मंडल रेल प्रबंधक एमएस मीना ने बताया कि डीजल इंजन फैक्ट्री में मेक इन इंडिया के तहत डीजल इंजन को उच्चीकृत किया जा रहा है। डीजल इंजन को इलेक्ट्रक से चलने और डीजल इंजन से कोच को बिजली की आपूर्ति करने की व्यवस्था की जा रही है।


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