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बालामऊ - उन्नाव ट्रैक पर फिर अंग्रेजों के जमाने वाले टोकन सिस्टम से ही दौड़ेंगी ट्रेंने, जानिए क्या है टोकन सिस्टम

बालामऊ-उन्नाव मार्ग पर एक सप्ताह बाद इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन दौड़ना शुरू हो जाएंगी लेकिन ट्रेन संचालन के तौर-तरीके अंग्रेजों के जमाने वाले ही रहेंगे। चालक को प्रत्येक स्टेशन पर टोकन लेना अनिवार्य होगा। आधुनिक सिग्नल सिस्टम के लिए इस बार के रेल बजट में फंड उपलब्ध कराया गया है।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 06:50 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 04:09 PM (IST)
बालामऊ-उन्नाव मार्ग पर एक सप्ताह बाद इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन दौड़ना शुरू हो जाएंगी,

प्रदीप चौरसिया

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मुरादाबाद, जेएनएन। बालामऊ-उन्नाव मार्ग पर एक सप्ताह बाद इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन दौड़ना शुरू हो जाएंगी, लेकिन ट्रेन संचालन के तौर-तरीके अंग्रेजों के जमाने वाले ही रहेंगे। चालक को प्रत्येक स्टेशन पर टोकन लेना अनिवार्य होगा। हालांकि, आधुनिक सिग्नल सिस्टम के लिए इस बार के रेल बजट में फंड उपलब्ध कराया गया है।

रेलवे मंत्रालय का लक्ष्य है कि वर्ष 2023 तक देश भर के सभी रेल मार्ग का विद्युतीकरण कर दिया जाए, जिससे ट्रेनें का डीजल इंजन से संचालन बंद कर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों को चलाया जा सके। मुरादाबाद रेल मंडल के अधिकांश रेल मार्ग के साथ ही बालामऊ-ऊन्नाव मार्ग पर विद्युतीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। पांच मार्च को कमिश्नर रेलवे आफ सेफ्टी (सीआरएस) निरीक्षण करेंगे, सब कुछ ठीक रहा तो छह मार्च से बालामऊ उन्नाव रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलने लगेंगी। आधुनिक इंजन लगने के बाद भी ट्रेन टोकन सिस्टम से ही संचालित होंगी।

टोकन सिस्टम यह है

बालामऊ उन्नाव रेल मार्ग सौ साल से अधिक पुराना है। अंग्रेजों के जमाने में आधुनिक सिग्नल सिस्टम नहीं थे, ट्रेन दुर्घटना रोकने के लिए टोकन सिस्टम होता था। चालक को स्टेशन से गुजरते समय पिछले स्टेशन से मिले टोकन देने के साथ ही उस स्टेशन से नया टोकन लेना होता है। पोर्टर टोकन लेकर प्लेटफार्म पर खड़ा होता है। इस व्यवस्था से ट्रेन दुर्घटना होने की संभावनाएं कम होती है। देश भर में टोकन सिस्टम लगभग खत्म हो चुका है, साथ ही टोकन पोर्टर के पद भी समाप्त कर दिए गए हैं। इसके स्थान पर प्रत्येक स्टेशन पर आधुनिक सिग्नल व इंटरलाकिंग सिस्टम लगाए गए हैं। मुरादाबाद रेल मंडल में अभी कुछ टोकन पोर्टर कार्यरत है।

बालामऊ-उन्नाव रेल मार्ग कुछ साल पहले तक उपेक्षित रेल मार्ग था, अब इस मार्ग से माल ढुलाई करना है, इसलिए रेलवे ने ध्यान देना शुरू कर दिया है। अगले वित्तीय वर्ष के लिए बालामऊ उन्नाव रेल मार्ग के नौ स्टेशन से टोकन सिस्टम के स्थान पर आधुनिक सिग्नल व इंटरलाकिंग सिस्टम लगाया जाना है। जब तक नया सिस्टम नहीं लग जाता है, तब तक मालगाड़ी व ट्रेन टोकन सिस्टम पर चलेंगी।

मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने बताया कि बालामऊ-उन्नाव रेल मार्ग पर विद्युतीकरण का सीआरएस निरीक्षण करेंगे, उसके बाद इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन संचालन शुरू हो जाएगा। इस मार्ग पर पड़ने वाले नौ स्टेशन पर टोकन सिस्टम के स्थान पर आधुनिक सिस्टम मार्च 2022 तक लगाने का लक्ष्य है।


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