नगर निगम के इस काम से मुरादाबाद के स्मार्ट सिटी बनने में आ रहा रोड़ा, डेंगू के फैलने का बन रहा खतरा, जानें क्या है वजह
Moradabad Smart City News खाली प्लाट में गंदगी उनमें उगी बड़ी-बड़ी झाड़ियां लोगों को डरा रही हैं। गंदगी से संक्रामक रोग का खतरा है। इन दिनों डेंगू व वायरल की समस्या से लोगों को खाली प्लाट मुसीबत बने हुए हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Smart City News : खाली प्लाट में गंदगी, उनमें उगी बड़ी-बड़ी झाड़ियां लोगों को डरा रही हैं। गंदगी से संक्रामक रोग का खतरा है। इन दिनों डेंगू व वायरल की समस्या से लोगों को खाली प्लाट मुसीबत बने हुए हैं। पिछले साल अगस्त 2020 में कोरोना संक्रमण के बाद पांच प्लाट स्वामियों पर 500 रुपये के हिसाब से जुर्माना लगाया था। धनराशि इतनी कम कि लोगों पर कोई असर नहीं हुआ। जुर्माना के बाद भी चहारदीवारी नहीं कराई।बारिश के दिनों में यह प्लाट लोगों की जान के लिए खतरा बने हैं।
एमडीए की पाश कालोनियों में खाली प्लाट से परेशान लोग कांठ रोड को जाम करने तक की चेतावनी दे चुके हैं। यही नहीं खाली प्लाट का कूड़ा नालियों में गिरता है, जिससे नालियां भी चोक हो गई हैं। सफाई कर्मचारी भी इन नालियों को साफ करने नहीं आते। दैनिक जागरण की पड़ताल में आशियाना, रामगंगा विहार, दीन दयाल नगर, झांझनपुर-हिमगिरी समेत कई क्षेत्रों में खाली प्लाट गंदगी से भरे पड़े हैं। तीन दशक प्लाट आवंटित हो चुके हैं लेकिन, एमडीए ने भी इनके आवंटन रद नहीं किए और न ही चहारदीवारी के लिए नोटिस दिए।
केस-1: आशियाना- एमडीए की आशियाना फेस-वन कालोनी में एक दर्जन से अधिक प्लाट खाली पड़े हैं। इस कालोनी के प्लाट की सफाई न होने से झाड़ियां उगने लगे हैं। इस कालोनी में नालियों की सफाई तक नहीं होती। विकास भवन की चहारदीवारी से सटी सड़क पर गंदगी भी बहुत है।
केस-2 : दीनदयाल नगर- साईं मंदिर रोड पर 100 मीटर के दायरे में चार प्लाट गंदगी से भरे पड़े हैं। इन प्लाट के बराबर में कोठियां हैं। लोग कूड़ा खाली प्लाट में डालकर जा रहे हैं। यह कूड़ा खिसककर नालियों में भी गिरने से चोक हो रही है।
केस-3: झांझनपुर- प्राचीन शिव मंदिर के पास खाली प्लाट में गंदगी कूड़ेदान हटाए जाने से पसर गई है। जब कूड़ेदान रखा था तब प्लाट में कोई कूड़ा नहीं फेंकता था लेकिन, अब कूड़ेदान हटाने से प्लाट डलाव घर बन गया है।
क्या बोले लोगः देवेंद्र सिंह सिसोदिया का कहना है कि आशियाना कालोनी बसे 20 साल हो गए। लेकिन, न तो निगम ने प्लाट की गंदगी साफ कराई और न एमडीए वर्षों से खाली प्लाट के आवंटियों पर कार्रवाई कर रहा है। डा. संतोष वर्मा ने बताया कि जिनके वर्षों से खाली प्लाट पड़े हैं, उनकी रजिस्ट्री रद करनी चाहिए। इससे एमडीए की भी छवि धूमिल हो रही है। नगर निगम को भी परवाह नहीं है। एसए सिद्दीकी ने बताया कि टैक्स पूरा ले रहे हैं। लेकिन, सुविधाएं बढ़ाने के नाम पर मुसीबत में डाला जा रहा है। खाली प्लाट, चोक नाली का दंश झेलकर परेशान हो चुके हैं। डा. रीता सिंह का कहना है कि खाली प्लाट की चहारदीवारी हो जाए तो सारी दिक्कत दूर हो जाए। लेकिन, नगर निगम इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारीः अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने बताया कि खाली प्लाट की स्वच्छता अभियान के दौरान सफाई कराई गई थी। जो चिह्नित करके नोटिस भी दिए गए थे। इनमें कितनों ने चहारदीवारी कराई इसकी जांच करेंगे और एक बार फिर कार्रवाई की जाएगी।