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दूषित पानी, दर्द निवारक दवाइयां और मिलावटी खानपान की वजह से बढ़े किडनी के मरीज

शरीर में किडनी सबसे अहम अंग होता है। क्योंकि किडनी ही खून-पानी को शुद्ध करके गंदगी को मल-पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकालती है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 02:12 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 02:12 PM (IST)
दूषित पानी, दर्द निवारक दवाइयां और मिलावटी खानपान की वजह से बढ़े किडनी के मरीज

मुरादाबाद । शरीर में किडनी सबसे अहम अंग होता है। क्योंकि किडनी ही खून-पानी को शुद्ध करके गंदगी को मल-पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकालती है। खून में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने का काम भी किडनी का ही है। शरीर में पानी और टॉक्सिंस के संतुलन के साथ हड्डियों को मज़बूत बनाए रखने का काम भी किडनी करती है। हालांकि किडनी खराब होने की मुख्य वजह अनियंत्रित मधुमेह और उच्च रक्तचाप है, लेकिन मुरादाबाद में दूषित पानी, प्रदूषण, दर्द निवारक दवाइयां, मिलावटी खानपान की वजह से किडनी के रोगी बढ़ रहे हैं। ई-कचरे से निकलने वाले जिंक, लेड की वजह से पानी प्रदूषित हो रहा है। निजी स्तर पर पानी के लिए बोर ऊपरी सतह पर कराने की वजह से दूषित पानी लोगों को पीने के लिए मिल रहा है। नगर निगम का बोर गहरा होने से पानी भी शुद्ध मिलता है। प्रदूषित पानी की वजह से किडनी धीरे-धीरे खराब होने लगती है। जिले के मल्टी स्पेशियलिटी छह अस्पतालों में हर एक नेफ्रोलॉजिस्ट के पास साल भर में ढाई हजार के करीब किडनी के रोगी पहुंच रहे हैं। इस हिसाब से गुर्दे के 20 हजार मरीजों का इलाज पूरे वर्ष में किया जा रहा है। गंभीर मरीजों को दिल्ली के लिए रेफर किया जा रहा है।

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इन क्षेत्रों में सबसे अधिक मरीज

किडनी के रोगी सबसे अधिक रामगंगा किनारे रहने वाले क्षेत्रों में हैं। चक्कर की मिलक, बगला गांव, दौलतबाग, नवाबपुरा, लालबाग, मुगलपुरा, वारसी नगर, इंद्रा चौक, रामपुर दोराहा के आसपास बसी कालोनी के अलावा ताजपुर और अन्य क्षेत्रों के मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।

बीमारी होने पर लक्षण

शरीर में सूजन, पेशाब कम आना,पेशाब में जलन,प्रोटीन, खून का पेशाब में आना, जी मिचलाना,भूख कम लगना ,खून की कमी , उच्च रक्तचाप साथ ही बीमारी के बारे में जानने के लिए ब्लड यूरिया ,सीरम क्रिएटिनिन,यूरीन,ब्लड शुगर की जांच कराएं 

बीमारी से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

दर्द निवारक दवाओं का सेवन न करें, प्रतिदिन दो-तीन लीटर पानी पिएं ,एंटी बायोटिक दवाएं बिना सलाह के न खाएं,ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर कंट्रोल रखें

ये बोले चिकित्सक

आमतौर पर लोग दर्द होने पर मेडिकल से ही एंटी-बायोटिक दवा लेकर खा लेते हैं। ये किडनी के लिए खतरनाक है। पानी को उबालकर पिएं और साल में एक बार किडनी के लिए जांच जरूर कराएं। जांच में समय से पता चलने पर बीमारी से बच सकते हैं। डॉ. मोहित टंडन, नेफ्रोलॉजिस्ट सिद्ध अस्पताल।

किडनी रोगियों की बढ़ रही संख्या

10 साल में किडनी के रोगियों की संख्या बहुत बढ़ गई है। खराब जीवनशैली और मिलावटी खाद्य पदार्थ की वजह से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। पहले से सतर्क होने से बीमारी दूर रख सकते हैं। एक बार बीमारी की चपेट में आने पर अफसोस ही होता है। डॉ. एसएन हसन, नेफ्रोलॉजिस्ट साईं अस्पताल।

ये बोले एसीएमओ

किडनी के रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। अस्पतालों की रिपोर्ट के मुताबिक तकरीबन 20 हजार जिले में किडनी रोग से पीडि़त लोग हैं। शहर के अस्पतालों के अलावा बहुत लोग दिल्ली में भी इलाज करवा रहे हैं। उनका आंकड़ा मिलने पर ये संख्या बढ़ जाएगी। सावधानी ही बचाव है। जीवनशैली बदलें और स्वस्थ रहें। डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी, एडिशनल सीएमओ।


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