Move to Jagran APP

लॉकडाउन में नहीं मिले फसल के खरीदार तो मुनाफे के लिए दवा उगाने लगे किसान Moradabad News

आमदनी बढ़ाने के लिए किसान खेती के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। परंपरागत फसलों के बजाय खेतों में दवा भी उगा रहे हैं।

By Edited By: Published: Sun, 24 May 2020 11:55 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 03:10 PM (IST)
लॉकडाउन में नहीं मिले फसल के खरीदार तो मुनाफे के लिए दवा उगाने लगे किसान Moradabad News
लॉकडाउन में नहीं मिले फसल के खरीदार तो मुनाफे के लिए दवा उगाने लगे किसान Moradabad News

रामपुर, जेएनएन। आमदनी बढ़ाने के लिए किसान खेती के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। परंपरागत फसलों के बजाय खेतों में दवा भी उगा रहे हैं। यह खेती उनके लिए फायदेमंद साबित हो रही है। लेकिन, अब लॉकडाउन के चलते उनकी फसल बिकने में दिक्कत आ रही है। जिले के कुछ प्रगतिशील किसान परंपरागत खेती से हटकर नगदी फसलें उगाने लगे हैं। गेहूं, धान, गन्ने की खेती के बजाय सतावर और अकरकरा की फसलें उगा रहे हैं। सतावर और अकरकरा एक प्राकृतिक और गुणकारी औषधि है। इसका प्रयोग कई प्रकार की दवाएं बनाने में किया जाता है। किसानों की यह फसल हरिद्वार में पतंजलि योग पीठ तक पहुंचती है। पतंजलि से जुड़े लोग किसानों के पास आते हैं और फसल खरीदते हैं। जिले में मीरापुर, मंसूरपुर, जिठनिया, देवरनिया, अजीमनगर, पाइंदानगर, जटपुरा आदि गांवों के दर्जनों किसान दवा की खेती कर रहे हैं। मीरापुर सहकारी समिति के सभापति मुस्तफा हुसैन भी 20 बीघा जमीन में अकरकरा और इतनी ही जमीन में सतावर की खेती कर रहे हैं। उनका कहना है कि परंपरागत खेती करने में अब कोई खास फायदा नहीं है। गन्ना मूल्य समय से नहीं मिल पाता है, जबकि धान व गेहूं की फसल प्राकृतिक आपदाओं से बर्बाद होती रहती हैं। दवा की खेती में फायदा ज्यादा है लेकिन, अब लॉकडाउन के चलते अकरकरा और सतावर की फसल के खरीदार भी किसानों के पास नहीं आ रहे हैं, जबकि खेतों में फसल तैयार है। उन्होंने बताया कि पिछले सालों में सतावर 50 हजार रुपये ¨क्वटल तक बिकती रही है। धान, गेहूं और गन्ने की खेती के मुकाबले इस खेती में तीन-चार गुना ज्यादा फायदा है। उनकी सतावर की फसल काफी पहले तैयार हो चुकी है, लेकिन बिक नहीं पा रही है। खरीदार नहीं आ रहे हैं। फसल को बचाए रखने में काफी खर्च आ रहा है। सरकार को इसकी खरीद की व्यवस्था करानी चाहिए। कृषि विभाग करेगा मदद जिला कृषि अधिकारी जीसी सागर का कहना है कि किसानों की फसल बिकवाने में उनकी मदद की जाएगी। जिन किसानों की फसल तैयार है, वे उनके कार्यालय में संपर्क कर ले। उनकी पूरी सहायता की जाएगी।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.