Railway News: अब रेलवे के कामों में आएगी तेजी, डीआरएम को जोनल रेलवे जीएम के बराबर मिले वित्तीय अधिकार
रेलवे प्रशासन तेज गति से ट्रेन चलाने के लिए सुधार के काम यात्री सुविधा व संरक्षा के कार्य के लिए बजट उपलब्ध करता है लेकिन मंडल रेल प्रशासन को कार्य शुरू करने से पहले प्रस्ताव तैयार करना होता है और जोनल मुख्यालय भेजना पड़ता है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रेलवे ने काम में तेजी लाने के लिए मंडल रेल प्रबंधक को जोनल रेलवे के महाप्रबंधक के बराबर वित्तीय अधिकार दे दिया है। जिससे कम समय में ट्रेन संचालन सिस्टम व यात्री सुविधा वाले काम को बजट उपलब्ध हो जाएगा। इससे पहले बजट के लिए जोनल मुख्यालय को प्रस्ताव बनाकर भेजना पड़ता था।
रेलवे प्रशासन तेज गति से ट्रेन चलाने के लिए सुधार के काम, यात्री सुविधा व संरक्षा के कार्य के लिए बजट उपलब्ध करता है लेकिन, मंडल रेल प्रशासन को कार्य शुरू करने से पहले प्रस्ताव तैयार करना होता है और जोनल मुख्यालय भेजना पड़ता है। जोनल मुख्यालय के तकनीकी टीम परीक्षण करने के बाद फाइल को महाप्रबंधक को भेज देती है। महाप्रबंधक की स्वीकृति मिलने में एक साल का समय लग जाता है।
तेजी से काम के लिए रेल मंडल स्तर पर किया गया गति शक्ति यूनिट का गठन
ऐसे में नए काम शुरू करने के लिए भी यही प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। इससे कायों में देरी होती है। इसी समस्या को दूर करने के लिए रेलवे ने तेज गति से बड़े काम कराने के लिए प्रत्येक मंडल पर गति शक्ति यूनिट का गठन किया है। इसी की तर्ज पर मंडल स्तर पर काम कराने की व्यवस्था शुरू की गई है।
ढाई करोड़ रुपये तक बजट जारी कर सकेंगे डीआरएम
रेलवे बोर्ड के अधिशासी निदेशक वित्त अजीत कुमार श्रीवास्तव ने 23 नवंबर को पत्र जारी किया है। जिसमें तेज गति से काम कराने के लिए मंडल रेल प्रबंधक को वित्तीय अधिकार महाप्रबंधक के बराबर दिया है। इसके तहत यार्ड में बाधा रहित ट्रेन संचालन के सुधार के लिए, रेललाइन के ऊपर रेल ओवर ब्रिज बनाने, रेललाइन के नीचे अंडर पास बनाने, फुट ओवर ब्रिज बनाने के लिए सिग्नल व्यवस्था में सुधार करने, विद्युतीकरण का कार्य कराने, कर्मचारी के सुविधा का विस्तार करने, यात्री सुविधा का विस्तार करने और अन्य स्पेशल कार्य के लिए 1.50 करोड़ से 2.50 करोड़ रुपये बजट स्वीकृत करने का अधिकार दिया है।
समय से कार्य न होने पर अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
वित्तीय अधिकार से अधिक खर्च होने पर डीआरएम एक कार्य को दो भागों में बांट कर बजट आवंटित कर सकते हैं। इसके लिए मंडल की तकनीकी टीम को प्रस्ताव तैयार करना होगा। इस व्यवस्था के बाद एक साल के अंदर काम पूरे होने लगेंगे। छोटे-छोटे कार्य की स्वीकृति के लिए जोनल मुख्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस व्यवस्था के बाद भी यदि कार्यों में देरी हुई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।