अब सड़क ही नहीं नदी के नीचे भी फर्राटा भरेंगे वाहन
आपने नदियों के ऊपर तो वाहनों को फर्राटा भरते हुए देखा होगा अब नदी के नीचे भी वाहन दौड़ सकेंगे।
मुरादाबाद (प्रांजुल श्रीवास्तव) : आपने नदियों के ऊपर तो वाहनों को फर्राटा भरते हुए देखा होगा। कभी सोचा है कि नदी के नीचे भी वाहन फर्राटा भर सकते हैं। अभी ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन कोठीवाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पांच छात्रों ने एक ऐसे एक्यूडक्ट ब्रिज का मॉडल तैयार किया है, जिसकी मदद से पानी के नीचे वाहनों का आवागमन किया जा सकता है। प्रोजेक्ट को मिल रही सराहना सिविल इंजीनिय¨रग के छात्रों के इस प्रोजेक्ट को काफी सराहा गया है। टीम को लीड कर रहे मुहम्मद आसिफ ने बताया कि नीदरलैंड में इस तरह के ब्रिज का इस्तेमाल हैवी ट्रैफिक से बचने के लिए किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के तहत पोर्ट लैंड सीमेंट से तैयार एक वाटर प्रूफ ब्रिज को नदी के नीचे से निकाला जा सकता है। इस ब्रिज पर आसानी से वाहन फर्राटा भर सकते हैं। नदी अपना बहाव बदले बिना आसानी से गुजर सकती हैं। पोर्ट लैंड सीमेंट की खासियत है कि सात घंटे में सूख जाता है। हाइड्रोलिक ब्रिज की तरह एक समय पर होगा सड़क व जल परिवहन प्रोजेक्ट के गाइड अमित तोमर ने बताया कि जहां पर नदी परिवहन होता है। वहां हाइड्रोलिक ब्रिज को बनाया जाता है, जिससे नदी के ऊपर बने ब्रिज पर वाहन गुजर सकें, लेकिन नदी के नीचे भी इसी तर्ज पर एक्यूडक्ट ब्रिज को बनाया जाता है। इस ब्रिज में सड़क पर एवं जल में एक ही समय परिवहन हो सकता है। दो तरीके से किया जा सकता है निर्माण टीम को लीड कर रहे मुहम्मद आसिफ ने बताया कि पहले में तो डैम बनाकर पानी को कुछ समय के लिए रोका जाता है, फिर बीच का पानी पम्पिंग सेट से बाहर करके वहां खोदाई करके पोर्ट लैंड सीमेंट की मदद से हाईवे का निर्माण किया जा सकता है। इसके बाद सिलेंड्रिक (सिलेंडर के आकार की) सुरंग की भांति वाल की मदद से नदी की धारा फिर से खोली जा सकती है। इसके अंदर ही आवागमन होगा। वहीं दूसरे तरीके में नदी की धारा को बदलकर क्विक सेटिंग सीमेंट से बनाया जाता है। यह सीमेंट दो से तीन घंटे में सूख जाता है। निर्माण पूरा होने के बाद धारा को फिर से अपनी दिशा दे दी जाती है।