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नोडल अधिकारी को जवाब नहीं दे पाए डीपीएम

पंचायत भवनों की स्थिति देखकर बोले मेरे अनुरोध को ही चेतावनी समझें नहीं तो जेल जाने को तैयार रहें।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 08:53 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 08:54 PM (IST)
नोडल अधिकारी को जवाब नहीं दे पाए डीपीएम
नोडल अधिकारी को जवाब नहीं दे पाए डीपीएम

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : पंचायत निदेशालय से आए पंचायत भवन एवं वित्त विभाग के नोडल अधिकारी उप निदेशक एसएन सिंह ने मुरादाबाद मंडल के अधिकारियों के साथ बैठक की। पंचायत विभाग में वित्त का काम देखने वाले डीपीएम (डिस्ट्रिक प्रोजेक्ट मैनेजर या जिला परियोजना प्रबंधक) उनके सवालों का जवाब ही नहीं दे पाए। इस पर उन्होंने डीपीएम को फटकार भी लगाई। कहा कि जिला परियोजना प्रबंधक के बारे में तमाम बातें सुनने को मिल रही हैं। वह किसी का डोंगल, यूजर आइडी और पासवर्ड अपने पास न रखें। किसी का डोंगल न दीजिए न लीजिए। पंचायत भवनों की खराब स्थिति देखकर बोले, मेरे अनुरोध को ही चेतावनी समझें, वर्ना शाहजहांपुर की तरह ही जेल जाने के लिए तैयार रहें।

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रविवार को शाम पांच बजे पंचायत भवन में मंडलीय समीक्षा बैठक शुरू हुई। नोडल अधिकारी ने कहा कि भुगतान के तरीकों को ठीक से समझ लें। यह जान लें कि किस मद से किसका भुगतान होना है। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवालयों को नवंबर से पहले चालू करना है। इस पर तेजी से काम करने की जरूरत है। पंचायत सचिवालय बनाने के बाद विभागीय वेबसाइट पर उसकी फोटो अपलोड करनी है। पंचायत सहायकों की डिटेल वेबसाइट पर अपलोड कराई जा रही है। पंचायत भवनों की पुरानी फोटो वेबसाइट पर चल रही हैं। मुख्यमंत्री सचिवालयों को लेकर नवंबर में उद्घाटन करेंगे। इससे पहले सभी को चालू करना है। नोडल अधिकारी ने मुरादाबाद मंडल के बिजनौर, अमरोहा, सम्भल, रामपुर सभी जिलों के फोटो खुलवाकर देखे। पुराने फोटो अपलोड होने पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई। कहा कि आपके जिलों के फोटो मुख्यमंत्री ने देख लिए तो क्या हाल होगा, सोच नहीं सकते। उन्होंने एक सप्ताह के अंदर नए पंचायत सचिवालयों की फोटो अपलोड करने को कहा।

रामपुर के बिलासपुर ब्लाक की गजरौला ग्राम पंचायत के सचिवालय की पुरानी फोटो देखकर डीपीएम को नोडल अधिकारी ने फटकार लगाई। कहा कि सफाई कर्मचारी से फोटो खिचवाकर अपलोड करा दो। उन्होंने कहा कि सामुदायिक शौचालयों पर स्टाफ समय से नहीं पहुंच रहा है। हरदोई से लेकर मुरादाबाद तक आते समय कई शौचालयों में स्टाफ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि धनराशि हमने लाभार्थियों को ही दी है लेकिन, उसे बनवाने की जिम्मेदारी हमारी है। सड़कें और नालियां बनवाने की जिम्मेदारी प्रधान और सचिव की है।

बैठक में निदेशालय से आए परामर्शदाता (स्वच्छ भारत) संतोष सिंह और वित्त विभाग के अमित वर्मा ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर मुरादाबाद के जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी के अलावा चारों जिलों के डीपीआरओ, डीपीएम, एडीओ पंचायत और कंप्यूटर आपरेटर शामिल हुए। बैठक का उप निदेशक पंचायत मुरादाबाद मंडल एसके सिंह ने संचालन किया।

आज होगा गांव के विकास कार्यों का भौतिक सत्यापन

प्रशासकों के कार्यकाल के दौरान हुए घपलों का सच परखने के लिए शासन की टीम के कुछ अधिकारी शाम को मुरादाबाद पहुंच गए हैं। टीम में पांच अधिकारी शामिल हैं। रविवार को देर रात विशेष सचिव, पंचायती राज विभाग शाहिद मंजर अब्बास रिजवी और उप सचिव अवधेश कुमार खरे भी मुरादाबाद पहुंचे। यह सभी अधिकारी गांव-गांव जाकर प्रशासकों के कार्यकाल में हुए घपलों की जांच करेंगे। जांच में खामियां पकड़े जाने पर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है। सोमवार को टीमें गांव में जाकर कार्यों का भौतिक सत्यापन करेंगी।


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