किसानों को धमकाकर मध्य गंगा नहर को जमीन का अधिग्रहण नहीं कराएं अधिकारी
मुरादाबाद: राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन (राकिमसं) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार बीएम ¨सह ने कहा
मुरादाबाद: राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन (राकिमसं) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार बीएम ¨सह ने कहा कि मध्य गंगा नहर विभाग से जुड़े अधिकारी किसानों से जबरन जमीन का अधिग्रहण नहीं कराएं। यदि उन्होंने अपने रवैया में बदलाव नहीं किया तो वह इस मामले में कोर्ट की शरण लेंगे। अधीक्षण अभियंता व किसानों को वार्ता के लिए बुलाया गया
- राकिमसं ने मध्य गंगा नहर के निर्माण के दौरान विभाग द्वारा किसानों की अधिग्रहीत की जा रही जमीन की प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठाए थे। वहीं कुछ किसानों ने नहर विभाग के अधिकारियों पर जमीन का अधिग्रहण कराने के नाम पर किसानों का धमकाने का आरोप लगाया था जिस पर अमरोहा जिले के मंडी धनौरा शहर के सतेन्द्र रिर्जोट पहुंचे राकिमसं के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरकारी बीएम ¨सह के नेतृत्व में मध्य गंगा नहर के अधीक्षण अभियंता व किसानों को वार्ता के लिए बुलाया गया। इस दौरान किसानों ने आरोप लगाया कि अधिकारी नहर निर्माण के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर रहे हैं। साथ ही जो किसान आना कानी कर रहा है, उसे धमकाया जा रहा है। मुआवजे में तय राशि या निर्धारित सर्किल रेट का भुगतान नहीं किया जा रहा है। अध्यक्ष बीएम ¨सह ने अधिकारियों से साफ व स्पष्ट लहजे में कहा कि वह किसानों पर अधिग्रहण के लिए जोर जबरदस्ती नहीं करे। उन्हें नियमानुसार कार्रवाई कर मुआवजा राशि दी जाए। धमकाने पर किसानों से अधिकारियों के विरूद्ध थाने में मुकदमा दर्ज कराने की बात भी कही। इस मौके पर अधीक्षण अभियंता केएम कंसल, भारतेंदू गौण, अधिशासी अभियंता रजनीश कुमार, जिलाध्यक्ष जोगेन्द्र आर्य, राजवीर ¨सह आदि मौजूद थे। बोले किसान नेता-प्रदेश सरकार जुमलों की है सरकार
- किसान हितों को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन आगामी 28 से तीस नवम्बर तक दिल्ली में आंदोलन करेगा। सरकार द्वारा जारी फसलों के समर्थन मूल्य से कम दामों पर अनाज खरीदने वालों को दंडित किया जाए। यह बात राकिमसं के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार बीएम ¨सह ने प्रेस वार्ता में उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से डायबटीज होने का हवाला देते हुए गन्ने की फसल का कम उत्पादन किए जाने की सलाह दी थी। हमने उन्हें एक अच्छा शासक समझा था मगर वह तो हकीम निकले। एक तरफ सरकार पाकिस्तान से चीनी खरीद रही है, वहीं अपने देश में गन्ने का उत्पादन कम किए जाने की बात कह रही है। सरकार ने गन्ने का भुगतान चौदह दिन में कराए जाने का वादा किया था जो अब दावा बनकर रह गया है। किसान भुगतान नहीं होने के कारण परेशान है। सरकारें केवल जुमलों की राजनीति कर रही है। वहीं दुग्ध उत्पादक किसानों के विकास को लेकर भी सरकार गंभीर नहीं है। सबका कर्ज माफ व फसलों के डेढ़ गुना लागत के बराबर दाम बिल को लागु किए जाने की मांग को लेकर संगठन आगामी 28 से तीस नवम्बर तक दिल्ली में आंदोलन करेगा। यहां जिलाध्यक्ष जोगेन्द्र आर्य आदि मौजूद थे।