IFTM में पाक जिंदाबाद : छात्रों को गुमराह कर माहौल खराब करने की साजिश तो नहीं
आइएफटीएम में एक छात्र ने भीड़ के सामने पाक जिंदाबाद के नारे लगा दिए। गृह मंत्रालय ने भी पूरे मामले पर विस्तृत से रिपोर्ट मांगी है।
मुरादाबाद, जेएनएन । एमआइटी में पाक जिंदाबाद के नारों की गूंज से खुफिया एजेंसी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची थीं, कि सोमवार को आइएफटीएम में एक छात्र ने भीड़ के सामने पाक जिंदाबाद के नारे लगा दिए। अभी तक की जांच में ऐसा कोई प्रमाण पुलिस और खुफिया विभाग को नहीं मिला हैं, कि आरोपित राष्ट्रद्रोही हैं, पर सवाल खड़ा हो गया कि इस बड़ी साजिश के पीछे कौन है, जो छात्रों को बहका कर पाक जिंदाबाद के नारे लगवा रहा है। खुफिया एजेंसी इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से देख रही है। गृह मंत्रालय ने भी पूरे मामले पर विस्तृत से रिपोर्ट मांगी है।
दोनों ही मामले एक जैसे होने पर खुफिया एजेंसी भी सकते में
मुजस्सम गनी ने इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए एमआइटी में एडमिशन लेकर फार्मेसी की पढ़ाई कर रहा था। उसने अपने वाट्सएप स्टेटस पर पाक जिंदाबाद लिखा था। उसके बाद पाक जिंदाबाद के नारे भी लगा दिए, जिसे लेकर शहर गुस्से में आया और पूरे दिन बवाल हुआ। नतीजा देशद्रोह की संगीन धाराओं में मुजस्सम गनी को जेल भेज दिया। दो दिन बाद दिल्ली रोड के आइएफटीएम कॉलेज में दूसरा मामला सामने आ गया। यहां भी आरोपित छात्र अब्बास ने इस वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण कर बीएचएमसीटी की पढ़ाई कर रहा था। उसने तो भीड़ के बीच श्रद्धांजलि सभा में पाक जिंदाबाद के नारे लगा दिए, जो वीडियो में कैद भी हो गया। दोनों ही मामले एक जैसे होने पर खुफिया एजेंसी भी सकते में आ गई है। अब्बास की रिपोर्ट भी गृह मंत्रालय को भेज दी गई। दो दिनों के अंदर देशद्रोह के दो मामलों को लेकर खुफिया एजेंसी जांच में जुट गई है। माना जा रहा है कि छात्रों को गुमराह कर पाक जिंदाबाद के नारे लगवाने के पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं है। कोई छात्रों को प्रयोग कर इस प्रकार का कृत्य तो नहीं करा रहा है। दोनों छात्रों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल और वाट्सएप तथा फेसबुक मैसेज की पड़ताल की जा रही है।
फेसबुक पर फ्रेंड लिस्ट खंगाली गई
मुजस्सम गनी और अब्बास की फेसबुक को भी पुलिस ने खंगाल दिया है। दोनों की दोस्ती किस-किस से है? पूरा डाटा खंगाला जा रहा है। पुलिस और खुफिया एजेंसी को फ्रेंड लिस्ट से कुछ संदिग्ध युवक मिले है, जिनकी पड़ताल की जा रही है। ताकि पता चल सकें कि कहीं छात्रों को गुमराह करने के लिए पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं कर रहा है।
रफी की गिरफ्तारी पर खुलेगा राज
रफी के मोबाइल की कॉल डिटेल से भी पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले है। ज्यादातर नंबर कश्मीर के आ रहे है, जिन पर रफी बातचीत करता था। सीओ राजेश कुमार का कहना है कि एमआइटी से भी रफी का पूरा रिकार्ड लेकर इंस्पेक्टर अवधेश जांच कर रहे है। रफी के सभी दोस्तों से उसके बारे में पूछताछ की जा रही है। रफी के परिवार से भी फोन पर एजेंसी बातचीत कर रही है। दरअसल, रफी अक्टूबर से सक्रिय हैं, उसने 11 अक्टूबर को आतंकी के मरने पर भी ब्लैक डे बताया था।
अब्बास की हरकत पर हर कोई अवाक
अमरोहा के नौगावां सादात के मुहल्ला शाहफरीद निवासी अब्बास द्वारा पाकिस्तान ङ्क्षजदाबाद के नारे लगाने की खबर से हर कोई अवाक है। अब्बास के पिता हैदर अली विदेश में मजदूरी करते हैं। चार भाई-बहनों में अब्बास सबसे छोटा है। मुरादाबाद में अब्बास की गिरफ्तारी की सूचना पर नौगावां सादात में हड़कंप मच गया। इसके बाद अब्बास की मां अपने बड़े बेटे के साथ मुरादाबाद रवाना हो गईं। मुहल्ले के लोग इस मामले में खुलकर बोलने को तैयार नहीं हुए।
इससे पहले नहीं की ऐसी हरकत
उनका कहना है कि अब्बास ने इससे पहले कभी ऐसी कोई हरकत नहीं की जिससे उस पर किसी तरह का संदेह हो। लोगों का कहना है कि कुछ साथी छात्रों द्वारा उकसाने के कारण ही अब्बास ने पाकिस्तान ङ्क्षजदाबाद के नारे लगा दिए होंगे। अब्बास के घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है।
भाजपा में हैं अब्बास के साढ़ू
अब्बास के मुहल्ले के लोगों ने बताया कि अब्बास नौगावां सादात में ही रहने वाले भाजपा नेता गुलाम अब्बास उर्फ किट्टी के साढ़़ू का बेटा है। इस संबंध में बात करने पर गुलाम अब्बास उर्फ किट्टी ने बताया कि उनका उससे कोई संबंध नहीं है।