District Panchayat President Election : मुरादाबाद की राजनीति में नया गुल खिलाएगी सपा मुखिया अखिलेश की नाराजगी
मुरादाबाद में पार्टी के सांसद और चार विधायक होने के बाद भी जिला पंचायत पद के लिए सपा प्रत्याशी अमरीन जहां का नामांकन न होने को गंभीरता से लेकर जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव पर कार्रवाई करके सभी नेताओं को संदेश दिया है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुरादाबाद के नेताओं में चल रही गुटबाजी से बेहद नाराज हैं। उन्होंने मुरादाबाद में पार्टी के सांसद और चार विधायक होने के बाद भी जिला पंचायत पद के लिए सपा प्रत्याशी अमरीन जहां का नामांकन न होने को गंभीरता से लेकर जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव पर कार्रवाई करके सभी नेताओं को संदेश दिया है। इस कार्रवाई से यह बात साफ हो गई है कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं है। आगामी विधानसभा चुनाव में भी पार्टी से गद्दारी करने वालों को सजा मिल सकती है।
मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। डा. एसटी हसन यहां से समाजवादी पार्टी के सांसद हैं। कुंदरकी विधानसभा से हाजी मुहम्मद रिजवान, ठाकुरद्वारा से नवाबजान, बिलारी से फहीम इरफान और मुरादाबाद देहात से हाजी इकराम कुरैशी सपा के विधायक हैं। संगठन में हजारों की संख्या में लोग जुड़े हैं। इसके बाद भी सपा का कुनबा 39 सदस्यों में दो भी नहीं जुटा पाया। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए प्रत्याशी बनाए जाने के लिए सभी विधायकों की संस्तुति ली गई थी। सांसद ने भी अपने कई लोगों को टिकट दिलाए थे। सपा विधायकों की सिफारिशों से टिकट पाने के बाद ग्यारह सदस्य जीतकर आए थे। इन्होंने भाजपा के खिलाफ वोट मांगकर जीत हासिल की थी। लेकिन, नामांकन से पहले ही इनमें से ज्यादातर भाजपा के खेमे में खड़े थे। बताया तो यही जा रहा है कि विधायकों और संगठन के नेताओं की नौ जिला पंचायत सदस्यों ने अनसुनी कर दी। लेकिन, सच्चाई कुछ और ही है। कई बड़े नेताओं की चुप्पी कुछ और ही इशारे कर रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिले में अपनी इंटेलीजेंस है। वह पार्टी के हर नेता की रिपोर्ट दे रही है। उन्हें सब मालूम है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में किसकी क्या भूमिका रही है। किस विधायक ने पूरे चुनाव के दौरान क्या रोल अदा किया है, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पूरा ब्योरा जुटा लिया है। जल्द ही लखनऊ से पार्टी के सांसद और विधायकों का बुलावा आने वाला है। वहां चुनाव के दौरान पार्टी से वफादारी न करने वालों के पेंच कसे जाने हैं। विधानसभा चुनाव में भी कुछ बड़े नेताओं के पर कतरे जा सकते हैं। इसे लेकर कई बड़े नेताओं की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव से किसी की सीधे बात करने की हिम्मत नहीं हो रही है।
सपा के कई और नेताओं पर होगी कार्रवाई : समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव के खिलाफ कार्रवाई से ही अखिलेश यादव की नाराजगी दूर नहीं होने वाली है। पार्टी के लोगों का कहना है कि अभी कई बड़े सपा नेताओं पर भी कार्रवाई हो सकती है। उनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के सुबूत जुटाए जा रहे हैं। वर्षों से सपा का सिपाही बताने वाले कई संगठन के पदाधिकारियों ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी का साथ नहीं दिया। इनमें एक के पास तो संगठन का बड़ा पद भी है। जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव के खिलाफ कार्रवाई होने में उनकी भी भूमिका रही है। वजह यह रही कि उनके परिवार में भी एक जिला पंचायत सदस्य है। वह भाजपा के खेमे में था। जानकारी होने के बाद भी संगठन के पदाधिकारी की रिपोर्ट हाईकमान को नहीं दी गई। इसके अलावा संगठन के पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं हुई।