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मुरादाबाद के ब‍िलारी में बनेगा 50 लाख का पुस्तकालय, कैंटीन की भी होगी व्‍यवस्‍था

नेशनल हाईवे पर पार्किंग एवं पेयजल की व्यवस्था होनी है। बाजारों और कस्बों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण होना है। इसके अलावा राज्य वित्त आयोग की धनराशि के गांवों के बाहर सड़कों का निर्माण होना है। सभी सदस्यों ने प्रस्ताव मांगे गए हैं

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 10:47 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 10:47 AM (IST)
मुरादाबाद के ब‍िलारी में बनेगा 50 लाख का पुस्तकालय।

मुरादाबाद, जेएनएन। जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में कई प्रस्ताव आए। लेकिन, छात्रों के हितों को देखते हुए बिलारी में खाली पड़ी जिला पंचायत की जमीन में पुस्तकालय बनाने का प्रस्ताव सबसे अहम रहा। बोर्ड में इस प्रस्ताव जिला पंचायत सदस्य विश्वास यादव उर्फ लवली ने जैसे ही रखा।सांसद और कुंदरकी विधायक ने इस पर सहमति दे दी। बाकी सदस्यों ने भी इस पर मुहर लगा दी। इसके बाद सभी ने इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पास कर दिया।

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50 लाख की लागत से लाइब्रेरी के अलावा उसी परिसर में छात्रों के लिए एक कैंटीन भी बनाई जानी है। अपर मुख्य अधिकारी शिशुपाल शर्मा ने बताया कि जिला पंचायत कार्यालय परिसर में भी एक सामुदायिक शौचालय के अलावा कैंटीन बनाई जानी है। इसके लिए भी प्रस्ताव को हरी झंडी मिली है। कार्यालय की छत की मरम्मत कराने के बाद यहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी बनवाया जाना है।

टोल वसूली को लेकर भी जताई नाराजगी

जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में बिलारी के पास और मूंढापांडे में बने टोल प्लाजा पर आसपास के लोगों से टोल टैक्स वसूली पर भी सदन में नाराजगी जताई गई। सदस्यों ने कहा कि टोल वालों को दो किलो मीटर के दायरे में आने वाले गांवों के लोगों से टोल टैक्स नहीं लिया जा सकता है। लेकिन, दोनों ही टोल वाले मनमानी कर रहे हैं। इस पर अपर मुख्य अधिकारी ने कहा कि जिला पंचायत का भी एनएचआइ पर बकाया है। तीन साल से कोई टैक्स नहीं दिया है। इसके लिए उन्हें नोटिस भी जारी कर दिया गया है। इस पर डीएम के माध्यम से पत्र एनएचआइ को भेजने पर सहमति बनी है।

15वें वित्त आयोग से होने वाले कार्य

सामुदायिक शौचालयगृह वाटर का ट्रीटमेंट एवं मैनेजमेंट, सीवर प्रणाली का विकास एवं रखरखाव, सीवेज ट्रीटमेंट की व्यवस्था, वर्षा जल संचयन सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पाई, पड पेयजल योजना, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, आधी धनराशि का इस्तेमाल पंचायत घर के निर्माण में किया जाएगा। अवशेष धनराशि का इस्तेमाल सामुदायिक शौचालय एवं उनके रखरखाव में होना है। 


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