परिषदीय स्कूलों की ड्रेस में भी हो रहा गोलमालMoradabad News
गरीब महिलाओं को स्वरोजगार के लिए जिला प्रशासन ने स्वयं सहायता समूह गठित किए थे लेकिन गांव गांव में गठित की गई विद्यालय प्रबंध समिति उन्हें रोजगार नहीं दे पा रही है। ड्रेस वितरण नही
अमरोहा, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में खेल किट वितरण में गोलमाल की जांच भले ही अभी ठंडे बस्ते में हो, लेकिन अब परिषदीय स्कूलों की ड्रेस में भी गोलमाल का मामला सामने आया है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की शिकायत पर जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने जांच बैठा दी है। बीडीओ जोया को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। इससे बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है।
बता दें कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत गांव-गांव गरीब महिलाओं के स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं। इन्हें आत्मनिर्भर बनाने और इनके स्वरोजगार को जिला प्रशासन भी संजीदा है। गरीब महिलाओं का भला हो इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग को परिषदीय स्कूलों के बच्चों की ड्रेस इन्हीं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन, गांव-गांव गठित की गईं विद्यालय प्रबंध समिति इन गरीब महिलाओं का हक मार रही हैं और ड्रेस वितरण में भी खूब गोलमाल किया जा रहा है। रविवार को जब जिलाधिकारी उमेश मिश्र बान नदी की खोदाई को देखने लोदीपुर बंजारा पहुंचे तो स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए कहा कि स्कूलों द्वारा उन्हें कपड़ा सहित ड्रेस तैयार करने को केवल 200 रुपये दिए जा रहे हैं। इसमें से भी 100 रुपये बाद में देने का आश्वासन दिया जा रहा है। फिलहाल एक बच्चे की ड्रेस तैयार करने में 100 रुपये ही दिए जा रहे हैं। जबकि शासन स्तर से एक बच्चे की स्कूल ड्रेस तैयार करने को 300 रुपये की धनराशि आवंटित की गई। जबकि उनसे 300 से लेकर 350 रुपये तक एक ड्रेस तैयार करने के लिए हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी उमेश मिश्र भड़क गए और बीडीओ जोया रागिनी सक्सेना को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे लोग जो समूह की महिलाओं को मिलने वाली धनराशि में भी दलाली कर रहे हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर रिकवरी की जायेगी। समूह की महिलाओं से जिलाधिकारी ने ऐसे लोगों की सूची मांगी है। ताकि उनकी अलग से भी जांच कराकर बड़ी कार्रवाई की सुनिश्चित की जा सके। डीएम के जांच के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।