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उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक आज आएंगे रामपुर, चुनावी सभा के साथ मुरादाबाद की स्वास्थ्य सेवाओं का लेंगे जायजा

Brajesh Pathak Visit Moradabad उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक मंगलवार को मुरादाबाद आएंगे। यहां से उनका कार्यक्रम रामपुर जाने का है। रामपुर मेंं उपमुख्यमंत्री उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना के समर्थन में सभा करेंगे।

By Mehandi HasanEdited By: Samanvay PandeyPublished: Tue, 29 Nov 2022 08:51 AM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 08:51 AM (IST)
Brajesh Pathak Visit Moradabad : उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Brajesh Pathak Visit Moradabad : उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक मंगलवार को मुरादाबाद आएंगे। यहां से उनका कार्यक्रम रामपुर जाने का है। रामपुर मेंं उपमुख्यमंत्री उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना के समर्थन में सभा करेंगे।

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उपमुख्यमंत्री मुरादाबाद में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। इस दौरान वे स्वास्थ्य सुविधाओं का भी जायजा लेंगे। दरअसल, मुरादाबाद में अव्यवस्थाओंं की भरमार है। 2017 से बना जिला अस्पताल का ट्रामा सेंटर डाक्टरों के अभाव से नहीं चल पा रहा है।

जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं

प्रबंधन ने नाममात्र के लिए वहां स्टाफ की ड्यूटी और आपरेशन के मरीजों को भर्ती करना शुरू कर दिया है। जिससे ट्रामा सेंटर का मकसद पूरा नहीं हो पा रहा है। जिला अस्पताल में ह्रदय रोग विशेषज्ञ, प्लास्टिक सर्जन और न्यूरोसर्जन भी नहीं हैं। आपात स्थिति में मरीजों को मेरठ रेफर करना पड़ता है। 

एमआरआइ मशीन का इंतजार

मंडल मुख्यालय के जिला अस्पताल की स्थिति ऐसी है कि यहां एमआरआइ के लिए बिल्डिंग तैयार हुए साल बीत गया है। मशीन का आजतक पता नहीं है। स्थिति यह है कि प्रतिदिन पांच से 10 मरीजों को एमआरआइ की जरूरत होती है। इसके बाद भी मशीन नहीं मिल पाई है। हमारे यहां इंफ्रास्ट्रक्चर की दिक्कत नहीं है। उपकरणों के अभाव की वजह से मरीजों की जिदंगी दांव पर लग रही है।

पैथलैब में 24 घंटे हो जांच

जिला संयुक्त चिकित्सालय में कर्मचारियों के अभाव की वजह से सिर्फ दिन में भर्ती होने वाले मरीजों की ही जांच हो पाती है। इसके साथ ही दोपहर एक बजे तक जितने लोगों के नमूने ले लिए जाते हैं। उनकी ही जांच होती है। रात में अगर गंभीर मरीज आ जाए तो जांच के लिए स्टाफ को बुलाना पड़ता है। मंडल मुख्यालय के अस्पताल में 24 घंटे खून की जांच की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके।


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