संक्रामक रोगों के बीच पांव पसार रहा डेंगू, लोगों में खौफ Rampur News
डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं।
रामपुर, जेएनएन : जिले में बदलते मौसम के बीच संक्रामक रोग फैलने लगे हैं और इसका असर भी सामने आने लगा है। अस्पतालों में बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। बुखार कई लोगों की जान भी ले चुका है, लेकिन अब डेंगू बुखार के मरीज भी सामने आने लगे हैं।
शहर का ऑटो पार्ट व्यापारी डेंगू का शिकार
सिविल लाइंस क्षेत्र में ऑटो पार्ट व्यापारी डेंगू का शिकार हो गए हैं। परिजनों ने उन्हें मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। डेंगू की चपेट में आए व्यापारी कोठीखास बाग रोड पर डीपीएस स्कूल के पास रहने वाले नितिन मोहन वैश्य उर्फ निक्की हैं। उनकी जिला पंचायत रोड पर मोहन मोटर्स के नाम से ऑटो पार्ट की दुकान है। उन्हें चार दिन पहले बुखार आया। पहले तो वायरल समझकर स्थानीय चिकित्सक से दवा ले ली, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। डेंगू की आशंका के चलते अगले दिन परिजन उन्हें मुरादाबाद ले गए। वहां खून की जांच कराने पर डेंगू की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया। व्यापारी के पुत्र आयुष ने बताया कि अब पापा की हालत में सुधार है। हालांकि शरीर में कमजोरी है। सोमवार को उन्हें घर ले आएंगे।
कैसे और कब होता है डेंगू
डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह के समय काटता है। डेंगू का प्रकोप जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है, क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। डेंगू का वायरस आमतौर पर प्लेटलेट्स कम कर देता है, जिससे ब्लीडिंग होने लगती है।
डेंगू के लक्षण
- ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढऩा
- सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
- आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है
- बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना
- गले में हल्का-सा दर्द होना
- शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना
- नाक और मसूढ़ों से खून आना
- शौच या उलटी में खून आना
- त्वचा पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े चिकत्ते पड़ जाना
डेंगू वार्ड बना, पर जांच की सुविधा
रामपुर : स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन जिले में डेंगू की जांच कराने के लिए कोई सुविधा नहीं है। जिला अस्पताल में डेंगू वार्ड तो बना दिया गया है, लेकिन यहां डेंगू जांच के कोई इंतजाम नहीं हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि यदि कोई संभावित मरीज आता है तो उसे वार्ड में भर्ती कर लिया जाता है। उसके खून का सेंपल लेकर जांच के लिए बरेली या मुरादाबाद भेजा जाता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी की बात
बदलते मौसम में संक्रामक रोगों को लेकर विभाग सतर्क है। गांवों में मलेरिया की दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। जिला अस्पताल में डेंगू वार्ड बना है, जहां संभावित मरीज को भर्ती कर इलाज की सुविधा है। मरीज का खून का सेंपल लेकर डेंगू की जांच विभाग की ओर से कराई जाती है। इसके अलावा हेल्पलाइन सेवा शुरू की है। यदि किसी गांव में संक्रामक रोग फैल रहा है तो उसकी तुरंत हेल्पलाइन पर संपर्क करें। वहां टीम भेजी जाएगी।
डॉ. सुबोध कुमार शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी।