Dengue in Moradabad : उपचार के दौरान डेंगू पीडि़त युवक की मौत, इस तरह बरतें सावधानी
Dengue in Moradabad चिकित्सक ने हालत गंभीर देखते हुए मुरादाबाद रेफर कर दिया। मुरादाबाद के चिकित्सक ने डेंगू होने की पुष्टि की। यहां उपचार के दौरान मौत हो गई। इस समय डेंगू से बचाव के लिए काफी सचेत रहने की जरूरत है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Dengue in Moradabad : सम्भल के असमोली थाना क्षेत्र में डेंगू से युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। युवक को पिछले पांच दिन से बुखार आ रहा था। मुरादाबाद में चिकित्सकों ने डेंगू होने की पुष्टि की थी। शनिवार की रात उनकी मौत हो गई। सर्दी का मौसम शुरू होने के बावजूद डेंगू मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। ऐसे में पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है।
सर्दी आने के बाद भी असमोली क्षेत्र में डेंगू का आतंक जारी है। गांव रुस्तमपुर न्यायावली निवासी सुमित पुत्र सुरेश को पांच दिन पहले बुखार आया था। पहले दिन पास के ही चिकित्सक से दवाई ली, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ। उसके बाद सुमित को सम्भल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां से चिकित्सक ने हालत गंभीर देखते हुए मुरादाबाद रेफर कर दिया। मुरादाबाद के चिकित्सक ने डेंगू होने की पुष्टि की। शनिवार की देर रात उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
इन बातों का रखें पूरा ध्यान : अपने घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें और साफ़-सफ़ाई का ख़ास ध्यान रखें। अगर किसी को भी तेज़ बुखार और डेंगू से जुड़े लक्षण दिखाए देते हैं तो सबसे पहले खून की जांच कराएं। डेंगू वायरस चार प्रकार के होते हैं। कोई भी व्यक्ति उसके पूरे जीवन में सिर्फ़ एक बार ही किसी ख़ास तरह के डेंगू से संक्रमित हो सकता है। चार तरह के डेंगू में एक है क्लासिक डेंगू, जो एक साधारण डेंगू बुखार है जो खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है और यह जानलेवा नहीं होता। हालांकि इस डेंगू से संक्रमित लोगों को भी अपने स्वास्थ्य का ख़ास ख्याल रखने की जरूरत होती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति डेंगू हीमोरेजिक या डेंगू शॉक सिंड्रोम से संक्रमित है, तो ऐसे में उस व्यक्ति को सही इलाज की आवश्यकता होती है जिसके न मिलने पर उसकी मृत्यु भी हो सकती है। डेंगू का वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित नहीं करता है। लेकिन एक मच्छर डेंगू वायरस का वाहक बन सकता है और स्वस्थ व्यक्ति को डेंगू संक्रमित कर सकता है। डेंगू ऐसे लोगों को अपना शिकार आसानी से बना लेता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में डेंगू की रोकथाम के लिए व्यक्ति को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी सुधारना होगा। डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है और इन मच्छरों को एडीज़ इजिप्टी कहते हैं।