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सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन आजम खां पर पड़ा भारी, कार्रवाई हो गई और तेज Rampur News

आले हसन समेत दस आजम समर्थकों के खिलाफ मकान तोडऩे और लूटपाट करने के दो मुकदमे गंज थाने में लिखे गए। किताब चोरी के मुकदमे में भी आजम का नाम शामिल कर लिया गया है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 12:57 AM (IST)Updated: Mon, 05 Aug 2019 07:10 AM (IST)
सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन आजम खां पर पड़ा भारी, कार्रवाई हो गई और तेज Rampur News
सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन आजम खां पर पड़ा भारी, कार्रवाई हो गई और तेज Rampur News

रामपुर(मुस्लेमीन)। सांसद आजम खां के खिलाफ पुलिस और प्रशासन की ओर से लगातार की जा रही कार्रवाई के विरोध में सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं विरोध प्रदर्शन भारी पड़ गया है। आंदोलन के बाद सांसद आजम पर कार्रवाई और तेज हो गई है। ईडी में केस दर्ज होने के साथ ही जमीन कब्जाने का एक और मुकदमा दर्ज हो गया है, जबकि उनके करीबी पूर्व सीओ सिटी आले हसन खां पर लूटपाट और जमीने कब्जाने के तीन मुकदमे और दर्ज करा दिए गए हैं। सपा नेता समझ रहे थे कि आंदोलन से शासन और प्रशासन पर दबाव बनेगा और आगे मुकदमे दर्ज नहीं होंगे लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। आंदोलन वाले दिन ही ईडी में केस दर्ज हुआ और शनिवार को आजम के खिलाफ अजीमनगर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। 

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आजम के खिलाफ लगातार मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन और आपत्तिजनक भाषण देने के 15 मुकदमे दर्ज हुए। इन सभी में पुलिस चार्जशीट लगा चुकी है। इसके बाद भी आपत्तजनक भाषण देने के दो अन्य मामले दर्ज हुए हैं। वह मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति भी हैं। उनके खिलाफ यूनिवर्सिटी के लिए जमीने कब्जाने के 28 मुकदमे थाने में दर्ज हो चुके हैं। 30 व 31 जुलाई को पुलिस ने यूनिवर्सिटी पर छापा मारकर तीन हजार किताबें बरामद की थीं, जो मदरसा आलिया से चोरी की गई थीं। इस मामले में पुलिस ने यूनिवर्सिटी के पांच कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया था। आजम के बेटे विधायक अब्दुल्ला ने विरोध किया तो उन्हें भी पकड़ लिया। इसपर सपा हाईकमान ने आंदोलन का एलान कर दिया। तब अब्द्ुल्ला को उसी दिन छोड़ दिया गया। अगले दिन एक अगस्त को सपाइयों ने आंदोलन किया। हालांकि बाहर से सपाई रामपुर नहीं आ सके। पुलिस ने उन्हें जहां तहां पकड़ लिया। अब्दुल्ला ने उस दिन फिर जुलूस निकालकर विरोध किया तो समर्थकों समेत पकड़ लिया लेकिन, दो घंटे बाद ही छोड़ दिया। आंदोलन के दिन ही ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने आजम के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। तीन अगस्त को अजीमनगर थाने में आजम के खिलाफ जमीन कब्जाने का एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें पूर्व सीओ सिटी आले हसन खां और अजीमनगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष कुशल वीर ङ्क्षसह को भी नामजद किया है। 

जो भी मुकदमे दर्ज हुए हैं, उनकी विवेचना शीघ्र पूरी करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए स्पेशल टीम बनाई गई है, जो तेजी से जांच कर रही है। किसानों के बयान दर्ज करने के साथ ही जमीन के अभिलेख एकत्र कर लिए हैं। कार्रवाई जारी रहेगी। ईडी की टीम रामपुर आएगी तो उसकी मदद की जाएगी। 

डॉ. अजय पाल शर्मा, पुलिस अधीक्षक, रामपुर

आले हसन और 10 सपाइयों पर एक और मुकदमा

सपा शासनकाल में डूंगरपुर बस्ती में मकानों पर बुलडोजर चलाने के मामले में गंज पुलिस ने तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन और 10 सपाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा मुहल्ला घेर मीरबाज खां निवासी नसीब जहां पत्नी जुल्फिकार अली खां की ओर से कराया है। महिला ने रिपोर्ट में कहा है कि उसने डूंगरपुर में 334 गज जमीन खरीदी थी। मकान बनाकर रह रही थी। फरवरी 2016 में एक रात तत्कालीन  सीओ सिटी, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, पूर्व जिलाध्यक्ष ओमेन्द्र ङ्क्षसह चौहान, सांसद आजम खां के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू, गुड्डू मसूद, शाहजेब खां, रानू खां, जिबरान खां, अब्दुल्ला परवेज शमसी और बरकत अली ठेकेदार वहां आए। सभी ने मारपीट की और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी। घर से बाहर निकाल दिया। रुपये व नकदी लूट ले गए। बाद में मकान पर बुलडोजर चला दिया गया। गंज कोतवाल नरेंद्र त्यागी ने बताया कि महिला की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

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