ई-कचरा से घट रही जिदंगी
मुरादाबाद । पूरे शहर में पर्यावरण प्रदूषण का बुरा हाल है।
मुरादाबाद । पूरे शहर में पर्यावरण प्रदूषण का बुरा हाल है। ई-कचरा पर्यावरण प्रदूषण के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है। वर्ष 2011 में राज्यसभा में पीतल नगरी में बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा उठाया गया था। ई-कचरे से 80 फीसद प्रदूषण फैलने की बात सामने आई थी। इसके बाद एक मई वर्ष 2012 को ई-कचरा पर सरकार ने सख्त नियम लागू किया। नतीजा शून्य है। कारण नियमों का पालन न होना है। ध्वनि, जल और वायु प्रदूषण व्यापक स्तर पर पैर जमा चुका है। प्रदूषण के चलते रामगंगा नदी का जल पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है। आलम यह है कि प्रदूषण के चलते शहर में त्वचा संबंधी बीमारियों से लोग परेशान है। बीते माह पूरे देश में सर्वाधिक प्रदूषण मुरादाबाद का दर्ज किया गया। बढ़ते प्रदूषण से फिलहाल जिम्मेदार बेफिक्र हैं। नदियों में बढ़ी लेड की मात्रा शहर में रामगंगा और गागन नदी का जल पूरी तरह से दूषित हो चुका है। ¨हदू कॉलेज में जंतु विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर जेके पाठक ने बताया कि फैक्ट्रियों का पानी सीधे नदी में गिरने से नदी का पानी दूषित हो चुका है, जिसमें लालबाग और कटघर की स्थिति बद से बदतर है। प्रदूषण के कारण जलीय-जीव जंतु मर रहे है। घरों का पानी भी सीधे नदियों में गिर रहा है। नतीजा यह है कि नदी के पानी में लेड की मात्रा बढ़ती जा रही है। ई-कचरा बना शहर के लिए चुनौती
¨हदू कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनामिका त्रिपाठी ने बताया कि ई-कचरा शहर के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। दिल्ली के पास होने के चलते शहर में ई-कचरा की समस्या व्यापक है। भोजपुर और रामगंगा नदी के किनारे आज भी ई-कचरा जलाने के मामले सामने आ रहे है।
प्रदूषण नियंत्रण विभाग के पास नहीं है कोई प्लान
प्रदूषण से निपटने के लिए जिम्मेदार विभाग प्रदूषण नियत्रण बोर्ड के जिम्मेदार और प्रशासन के पास कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। इस बारे में जानकारी करने पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि समय समय पर लोगों पर कार्रवाई की जाती है।