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प्राकृतिक चिकित्सा से ठीक करें जोड़ों का दर्द, जानिए क्‍या है इसके उपाय

Treatment of joint pain हर साल 10 से 15 हजार लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इसमें शरीर की आंतरिक सफाई गूलक चिकित्सा करना बेहतर है। प्राकृतिक चिकित्सा में रोग की चिकित्सा के साथ शरीर की भी चिकित्सा हो जाती है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 08:41 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 08:41 AM (IST)
दर्द की वजह से दिन और रात का सुकून भी छ‍िन जाता है।

मुरादाबाद, जेएनएन। Treatment of joint pain। गठिया, घुटने, अंगुलियां और जोड़ों का दर्द बहुत ही तकलीफ देने वाला है। दर्द की वजह से दिन और रात का सुकून भी छ‍िन जाता है।

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प्राकृतिक चिकित्सक एवं योग प्रशिक्षक डॉ. महजबीं परवीन ने बताया कि गठिया की शुरुआत एकाएक जाड़े के साथ बुखार से होती है। बुखार 104-105 ड‍िग्री तक पहुंच जाता हे। इसके बाद जोड़ों में दर्द, सूजन और फुलाव, घुटना, पिंडली, हाथ में सूजन, कोहनी आद‍ि पर आक्रमण होता है। इसके बाद भूख नहीं लगती है। सांस का जल्दी-जल्दी चलना, तेज प्यास लगती है। दिल की धड़कन भी तेज होने लगेगी। दवाओं के जोर से इस रोग को दबाया जा सकता है लेकिन, ये रोग दोबारा हो जाता है। हर साल 10 से 15 हजार लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इसमें शरीर की आंतरिक सफाई गूलक चिकित्सा करना बेहतर है। प्राकृतिक चिकित्सा में रोग की चिकित्सा के साथ शरीर की भी चिकित्सा होती है। देह में संचित हुए द्रव को शरीर से बाहर कर दिया जाए तो जीवाणु की अनिष्ट करने की ताकत भी नष्ट हो जाती है।

निवारण

प्राकृतिक चिकित्सा के लिए एनिमा मरीज को दिया जाता है। आंतों के म्यूकस को शरीर के मल के साथ बाहर निकाला जाता है। इसके बाद भाप स्नान भी देना जरूरी है। प्राकृतिक चिकित्सक के निर्देशन में ये काम करें। सुबह शाम 10 मिनट करने के बाद 40 मिनट तक टहलें। 


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