हत्या के दो दोषियों को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, दोनों ने जीजा को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया था
Murder in Moradabad सात सात पुराने हत्या के मामले में कोर्ट ने दो दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। दोनों दोषियों ने मिट्टी का तेल डालकर अपने जीजा को जला दिया था। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
मुरादाबाद, जेएनएन। Murder in Moradabad : पत्नी को लेने के लिए ससुराल पहुंचे पति को मिट्टी का तेल डालकर सालों ने जला दिया था। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में मृतक के बड़े भाई ने सम्भल जनपद के चन्दौसी थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज कराया था। गुरुवार को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद एडीजे सात की कोर्ट ने दोनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
बरेली जनपद के अलीगंज थाना क्षेत्र के खटैटा गांव निवासी मित्रपाल ने बताया कि उन्होंने अपने छोटे भाई छत्रपाल की शादी साल 2013 में सम्भल के चन्दौसी थाना क्षेत्र के कैथल गांव निवासी प्रीति के साथ की थी। शादी के बाद से ही दोनों के बीच अक्सर वाद-विवाद होता था। शादी के करीब डेढ़ साल बाद प्रीति का छत्रपाल से विवाद हो गया। जिसके बाद वह अचानक अपने पिता के घर जाकर रहने लगी थी। बातचीत के बाद भी वह आने के लिए तैयार नहीं हुई तो छत्रपाल उसे वापस लाने के लिए 13 जनवरी 2015 को बुलाने गया था।
ससुराल पहुंचने के बाद प्रीति के भाई श्योराज व बदन सिंह से शर्त रखी कि बहन को भेजने से पहले शादी में दिया गया सोने और चांदी का पूरा सामान वापस करना होगा,इसके बाद भी विदाई होगी। इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया था। विवाद दौरान ही श्योराज व बदन सिंह ने पहले छत्रपाल की लाठी-डंडे से पिटाई की। इसके बाद भी जब गुस्सा नहीं शांत हुआ तो दोनों ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। इस घटना में वह बुरी तरह झुलस गया। आस-पास के लोगों ने शोर सुनकर स्वजन को सूचना दी। जिसके बाद उसे गंभीर हालत में मुरादाबाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया था।
इस मामले में मृतक के भाई ने नेत्रपाल ने दोनों आरोपितों के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं गंभीर हालत में मजिस्ट्रेट के सामने छत्रपाल ने मृत्यु पूर्व अपने बयान दर्ज कराए थे। चार्जशीट दाखिल होने के बाद इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सात ज्ञानेंद्र सिंह यादव की कोर्ट में चल रही थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र सिंह कश्यप ने बताया कि कोर्ट ने मृत्यु पूर्व अपने बयान में घटना की पुष्टि की थी। कोर्ट ने इस बयान को अहम मानते हुए आरोपित श्योराज सिंह और बदन सिंह को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही प्रत्येक दोषी पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।