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Sanskarshala 2022: इंटरनेट मीडिया पर इंफ्लुएंसर्स का सही चुनाव बेहद आवश्‍यक, अभिभावक करें बच्‍चों की मदद

Sanskarshala 2022 इंटरनेट मीडिया में इंफ्लुएंसर्स वे लोग हैं जिन्होंने किसी विशिष्ट विषय पर अपने ज्ञान और विशेषज्ञता के लिए प्रतिष्ठा बनाई है। वे अपने पसंदीदा इंटरनेट मीडिया चैनलों पर उस विषय के बारे में नियमित पोस्ट करते हैं

By JagranEdited By: Vivek BajpaiPublished: Thu, 29 Sep 2022 09:22 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 09:22 PM (IST)
Sanskarshala 2022: मुरादाबाद के बिलारी स्थित डा. देवेंद्र पाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य शीतल प्रताप सिंह। जागरण

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Sanskarshala 2022 :  मुरादाबाद के बिलारी स्थित डा. देवेंद्र पाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य शीतल प्रताप सिंह कहते हैं कि पिछले एक दशक में हमने देखा है कि इंटरनेट मीडिया का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। 340 करोड़ से अधिक लोग सक्रिय रूप से इंटरनेट मीडिया का उपयोग करते हैं, जोकि दुनिया की आबादी का 45 फीसद है। अकेले भारत में 50 करोड़ से अधिक लोग इंटरनेट मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। अनिवार्य रूप से ये लोग अपने निर्णय लेने व मार्गदर्शन के लिए इंटरनेट मीडिया में प्रभावित करने वालों की ओर देखते हैं।

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किसी विषय पर अपनी प्रतिष्‍ठा बनाने वाले लोग इंफ्लुएंसर

इंटरनेट मीडिया में इंफ्लुएंसर्स वे लोग हैं, जिन्होंने किसी विशिष्ट विषय पर अपने ज्ञान और विशेषज्ञता के लिए प्रतिष्ठा बनाई है। वे अपने पसंदीदा इंटरनेट मीडिया चैनलों पर उस विषय के बारे में नियमित पोस्ट करते हैं और उनके अनुयायी बड़ी संख्या में  न केवल उनका समर्थन करते हैं बल्कि उनके विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य भी करते हैं। कोरोना काल के बाद से बच्चों का अध्ययन कार्य फोन के माध्यम से हुआ तथा इसी बीच अधिकांश बच्चे इंटरनेट मीडिया के अनेक माध्यम जैसे- यूट्यूब, वाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि से जुड़े। जिसमें कुछ बच्चों ने इसका पूर्ण सदुपयोग किया तथा अपनी पढ़ाई का नुकसान नहीं होने दिया।

इंटरनेट मीडिया पर अश्‍लीलता की चपेट में आ रहे बच्‍चे  

बहुत से बच्चे इंटरनेट मीडिया पर कुछ तत्वों के प्रभाव में भी आये जो समाज को भ्रष्ट करने एवं अश्लीलता फैलाने का कार्य करते हैं। इससे न केवल उनकी पढ़ाई का नुकसान हुआ अपितु उनके जीवन में नकारात्मकता ने अपना स्थान बना लिया। इस सब का मुख्य कारण अभिभावक की अपने पाल्य के प्रति नीरसता, उनके दैनिक जीवन की व्यस्तता तथा उनका अशिक्षित होना भी है।

कोरोना काल में शिक्षिकों से दूर होने का पड़ा असर

कोरोना काल में विद्यार्थी अधिकतम समय घर पर रहे तथा उनका अपने शिक्षक से परस्पर संपर्क नहीं हो पाया। जिससे उनके जीवन में मार्गदर्शन का अभाव रहा। इस अभाव के कारण विद्यार्थी सकारात्मक इन्फ्लुएंसर्स की जगह नकारात्मक एवं भ्रमित करने वाले इन्फ्लुएंसर्स के संपर्क में आए। जिससे उनके व्यवहार में शिष्टाचार की कमी आयी। इंटरनेट मीडिया इन्फ्लुएंसर का सही चुनाव करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अल्पायु में बालक द्वारा सही इंटरनेट मीडिया इन्फ्लुएंसर का चुनाव करने में सक्षम नहीं होता है।

इंफ्लुएंसर्स के चयन में अभिभावक करें मदद

इसलिए सही चुनाव करने में अभिभावक एवं अध्यापक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। अध्यापक अपने बच्चों को बताएं कि उन्हें किस प्रकार के इंफ्लुएंसर्स का चयन करना चाहिए। इंटरनेट मीडिया इन्फ्लुएंसर जैसे संदीप माहेश्वरी, विवेक बिन्द्रा, अलख पाण्डेय, विकास दिव्यकीर्ति, अवध ओझा आदि ऐसे लोगों का अनुसरण करें। जिससे विद्यार्थी के अंदर सकारात्मकता का भाव उत्पन्न हो तथा उसका आत्मबल प्रबल हो।


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