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रैली के बाद पेट्रोल की रार में जल रहा संगठन

कमल के फूल लेकर निकली संदेश यात्रा के बाद पेट्रोल की रार सामने आ रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 10:10 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 10:10 AM (IST)
रैली के बाद पेट्रोल की रार में जल रहा संगठन
रैली के बाद पेट्रोल की रार में जल रहा संगठन

मुरादाबाद (प्रेमपाल सिंह) : कमल के फूल लेकर निकली संदेश यात्रा के बाद पेट्रोल की रार में संगठन जलने लगा है। आस्तीनें खींच गई हैं। गाली-गलौज की स्थिति बन गई है। वीडियो वायरल हो रहे हैं। पड़ोस के जिले में तो युवा ब्रिगेड के गुस्से में सब जल रहे हैं। हुआ यूं कि रैली के दौरान जिसके पास बाइकों में तेल डलवाने का जिम्मा था। उनसे तेल नहीं मिला तो रैली के बाद गुस्सा फूट पड़ा। कुंदरकी क्षेत्र के युवा नेता ने अपने हिसाब से समझाने का प्रयास किया, वहीं जिला सदर भी तेल डलवाने से पीछे रहे। अब प्रभारी के दरबार में जब मामला पहुंचा तो वे भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं दिखाई दिए। आखिर वो तो कार्यकर्ता हैं। भले ही अब पद मिला है। ऐसे में संगठन के बिखराव की व्यथा नहीं सुन सके और चुपचाप सुनते रहे। कार्रवाई का आश्वासन देते रहे और युवा ब्रिगेड ने तेल की कीमत नहीं मिलने पर बगावत का एलान कर दिया है जिसको तेल का खर्चा उठाना था, वो नहीं मिल रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा। लाइक और शेयर करने वाले भी पीछे नहीं हैं। संगठन के जिम्मेदार इस कलह के बाद अब मुंह छिपाए घूम रहे हैं। अपने शहर में भी तेल के लिए रार किसी से छिपी नहीं है। जिला सदर ने ही खर्चा उठाया, जिसके पास जिम्मेदारी थी, उसने खर्चा नहीं उठाया। समन्वय बनाकर खर्चा उठाने की बात बेमानी हो गई और तलवारें खींच गई। नगर की सरकार का बिगड़ा सामंजस्य नगर की सरकार में सामंजस्य बिगड़ गया है। देखने को सब तालमेल में है लेकिन अंदर बहुत कुछ चल रहा है। सब अपनी ढपली अपना राग गा रहे हैं। पहले स्वच्छता की रैली अब कमल संदेश रैली। इनमें सरकार के नुमाइंदों ने नाराजगी दर्शा दी। पहले भी अकेले पहुंचे, अब भी अकेले ही आए। अधिकांश तो दूसरे की बाइक पर बैठकर आए और उनके साथ ही अपनी यात्रा पूरी की। वार्ड का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला ने पूरी भड़ास निकाल दी। उनके सामने सब ने चुप्पी साध ली, अब तो समझौते की बयार चलने लगी है। आगामी रण को देखकर एक बार फिर सुलह करने की तैयारी है। ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको ठगा नहीं शहर के प्रतिष्ठित कॉलेज के महिला शिक्षकों में विवाद के पीछे रोज खुलासे सामने आ रहे हैं। जिसकी चर्चा आम हो रही है। एक ने अपने आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोला तो आलाकमान से नजदीकी जताने के लिए खूब साथ दिया। काम बनता देख खूब हां में हां मिलाई। इससे शिक्षिका के तेवर तल्ख होने लगे तो आलाकमान ने पाला बदल लिया। कल तक जो आलाकमान का साथ पाकर अपना काम बना रहे थे। वह हैरत में हैं। उनपर ही पहली कार्रवाई हो गई। इन फैसलों से अब चर्चा है कि ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको ठगा नहीं। सबको समझ में आ गया कि आग से न दोस्ती अच्छी न दुश्मनी। जिन्होंने मोर्चा खोला उनके तो अच्छे दिन शुरू हो गए लेकिन नजदीक रहने वालों की उल्टी गिनती शुरू हो गई। अपनों के पराए होने और गैरों को गोद में बैठाने के पीछे खेल एक कालेज में बड़े टेंडर का है, जिसमें लाभ की हिस्सेदारी में पांसे पलटे जा रहे हैं। कार्रवाई और प्रेम की भाषा कहा जाकर रुकेगी, यह तो वक्त ही तय करेगा।

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