सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला के पासपोर्ट मामले में अखिलेश ने दी गवाही, अब बचाव पक्ष करेगा जिरह
Passport Case of Abdullah रामपुर सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ पासपोर्ट मामले में बुधवार को सिपाही अखिलेश कुमार गवाही के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंचे। उन्होंने न्यायाधीश आलोक दुबे के समक्ष अपने बयान दिए। अब बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा उनसे जिरह की जाएगी।
मुरादाबाद, जेएनएन। Passport Case of Abdullah : रामपुर सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला के खिलाफ पासपोर्ट मामले में बुधवार को सिपाही अखिलेश कुमार गवाही के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंचे। उन्होंने न्यायाधीश आलोक दुबे के समक्ष अपने बयान दिए। अब बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा उनसे जिरह की जाएगी। इसके लिए कोर्ट 12 नवंबर को सुनवाई करेगी। रामपुर सांसद आजम खां पर आरोप है कि उन्होंने कम उम्र में अपने बेटे अब्दुल्ला को वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव लड़वाया। बेटे अब्दुल्ला की उम्र ज्यादा दिखाने के लिए सांसद ने जन्म प्रमाण पत्र भी फर्जी बनावाया।
बाद में पैन कार्ड और पासपोर्ट में भी जन्मतिथि बदलवा दी। इस तरह बेटे के अलग-अलग जन्मतिथि के दो जन्म प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट और दो पैनकार्ड बनवा लिए। इनमें जन्म प्रमाण पत्र मामले में सांसद आजम खां, उनकी पत्नी रामपुर शहर विधायक डा. तजीन फात्मा और बेटा अब्दुल्ला नामजद हैंं, जबकि पैन कार्ड मामले में सांसद आजम खां और उनका बेटा नामजद है। पासपोर्ट मामले में अकेले अब्दुल्ला को आरोपित बनाया गया है। तीनों मुकदमे की सुनवाई रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। पासपोर्ट मामले में अब तक दो लोगों की गवाही हो चुकी है। बुधवार को तीसरे गवाह के रूप में सिपाही अखिलेश कुमार को तलब किया था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्य ने बताया कि सिपाहा की गवाही हो गई है। अब अगली तारीख पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता उनसे जिरह करेंगे।
हाईकोर्ट ने किया जवाब तलब : हाईकोर्ट ने नाले का निर्माण न कराए जाने के मामले में जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी का जवाब तलब किया है। लगभग एक वर्ष पहले से नगर निवासी समाजसेवी हाफिज जमील अहमद द्वारा रसूलपुर फरीदपुर से लेकर खेमपुर के आईटीआई कालेज तक पक्के नाले का निर्माण कराने की मांग की जा रही थी। नाले का निर्माण न होने से किसानों के खेतों में पानी भर जाता है, जिससे फसलें नष्ट हो जाती हैं। संबंधित अधिकारियों द्वारा नाले की पैमाइश कराई गई थी। जेई द्वारा 90 लाख रुपये का एस्टीमेट भी तैयार कर लिया गया था, लेकिन जिला पंचायत ने इसे ठंडे बस्ते में ड़ाल दिया। इसपर जमील अहमद हाईकोर्ट पहुंच गए और रिट दायर की। उन्होने बताया कि हाईकोर्ट ने बुधवार अपर मुख्य अधिकारी का जबाव तलब किया है।