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एक महीने में जुटा रहे सालभर की दाल-रोटी

गेहूं कटाई और गहाई शुरू होते ही परिवार समेत श्रमिक सक्रिय हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 12:00 PM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2019 06:21 AM (IST)
एक महीने में जुटा रहे सालभर की दाल-रोटी
एक महीने में जुटा रहे सालभर की दाल-रोटी

अमरोहा। जनपद में गेहूं कटाई और गहाई शुरू होते ही परिवार समेत श्रमिक सक्रिय हो गए हैं। सब काम छोड़कर वह गेहूं कटाई में लगे हैं। एक श्रमिक दिनभर में गेहूं की चार से पांच सौ गड्डियां (बंडल) काट लेता है। सौ गड्डी की कटाई पर उन्हें 12 गड्डी गेहूं मिल जाता है। दिनभर की मेहनत के बाद एक श्रमिक 60-65 गड्डियां कमा लेता है। इस तरह परिवार संग गेहूं कटाई में लगे श्रमिक साल भर की रोजी रोटी का इंतजाम कर लेते हैं।

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प्रदेश को सर्वाधिक गेहूं उत्पादन करने का गौरव हासिल है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल गेहूं उत्पादन के 35 फीसद गेहूं प्रदेश में उगाया जाता है। जनपद अमरोहा में भी हजारों बीघा भूमि में किसान गेहूं की खेती करते हैं। गत वर्ष के मुकाबले इस बार किसानों की गेहूं की फसल अच्छी हैं। लिहाजा गेहूं कटाई सीजन को भुनाने के लिए भूमिहीन और गरीब परिवार सक्रिय हो गए हैं। लगभग दो सप्ताह से गेहूं की कटाई और गहाई का काम चल रहा है। गरीब परिवार अपने सब कामों को छोड़कर बड़े किसानों खेतों में खड़ी गेहूं को चिलचिलाती धूंप में काट रहे हैं। सुबह अंधेरे ही किसानों के ट्रैक्टरों में सवार होकर गरीब परिवार सहित गेहूं काटने चले जाते हैं। जिसमें शाम तक कटाई करने बाद वह अपनी मेहनत की गेहूं की गड्डियां शाम को घर ले आते हैं। आलम यह है कि अगर परिवार में चार सदस्य है तो चारों गेहूं कटाई में मशगूल हैं। दो सप्ताह की कटाई में ही वह पूरे साल के खाने का इंतजाम कर लेते हैं। जोया विकास खंड के अतरासी रोउ स्थित गांव मंगपुरा के लक्षमन, लोकेश, विजय तीनों भाइयों के पास भूमि नहीं है। वह बड़ें किसानों की गेहूं काट रहे हैं। लक्षमन का कहना है कि पंद्रह दिन की कटाई में पूरे साल के खाने का अनाज इकट्ठा कर लेते हैं। वहीं मनोहर की पत्नी भूरी का भी कहना है कि हमारे पास भूमि नहीं है, लेकिन गेहूं कटाई सीजन में हम पूरे साल की रोटी का इंतजाम कर लेते हैं। किसान प्रति सौ गड्डी पर 12 गड्डियां देकर मजदूरों को भुगतान कर रहे हैं।

35 किलो प्रति बीघा पर काट रहे गेहूं

अमरोहा : गेहूं कटाई सीजन में एक मजदूर सुबह से शाम तक लगभग चार सौ से पांच सौ गड्डिया (बंडल) तक काट लेता है। जिसके बदले किसान 12 गड्डी प्रति सौ गड्डी पर मजदूर को भुगतान करता है। इस प्रकार एक दिन में मजदूर को 60 गड्डियां तक मिल जाती हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ जगह पर किसान 35-40 किलो प्रति बीघा के हिसाब से मजदूरों से गेहूं कटवा रहे हैं।

घर में अनाज है तो राज है

अमरोहा : गेहूं कटाई करने वाले धर्मपाल, गोपाल, नेमपाल सिंह, विजयपाल, लक्षमन आदि मजदूरों का कहना है कि भैया घर में अनाज है तो राज है। बुरे वक्त में सब्जी से रोटी नहीं मिलेगी तो नमक डालकर खा लेंगे। बढ़ती महंगाई के चलते एकत्र गेहूं खरीदना हमारे लिए मुश्किल है। लिहाजा इस मौके पर सब कामों को छोड़कर हम गेहूं कटाई में लग जाते हैं। जिससे पूरे साल के खाने का इंतजाम हो जाता है।


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