प्रसव पीड़ा से कराह रही थी महिला, एंबुलेंस स्टाफ ने समझदारी दिखाकर बचाई जान
Child birth in an ambulance कब किस वक्त पर मसीहा बनकर सामने आ जाए कहा न सकता। कुछ ऐसे ही हुआ ठाकुरद्वारा के एक परिवार के साथ।
मुरादाबाद। अक्सर हम मदद के लिए अपनों को ही उम्मीद भरी निगाहों से देखते हैं। लेकिन, कई बार वे भी भरोसा कायम नहीं रख पाते हैं। वहीं कई मुश्किल वक्त में गैर अपनों से भी ज्यादा काम आ जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ ठाकुरद्वारा के एक परिवार के साथ। एंबुलेंस स्टाफ ने गर्भवती की जान बचाने के िलिए जिस तरह की समझदारी दिखाई, उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है।
मंगलवार की देर रात भोजपुर के धारक नगला गांव में महिला ने एंबुलेंस में बच्चे को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। ठाकुरद्वारा के रहने वाले शमीम अहमद की 35 वर्षीय पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो 102 एंबुलेन्स से उन्हें ठाकुरद्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। रात करीब 12:45 बजे वहां से डॉक्टर नहीं होने की वजह से मुरादाबाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया। एंबुलेन्स से महिला को अस्पताल लाया जा रहा था। भोजपुर के धारक नगला के पास महिला के दर्द अधिक बढ़ गया। ऐसे में हालत बिगड़ती जा रही थी। गर्भवती के साथ कोई भी महिला नहीं थी। ऐसे में उसे संभालना मुश्किल हो गया। कुछ देर तक तो चिकित्सकीय सुविधा मिलने का इंतजार किया जाता रहा लेकिन बात नहीं बनी। इधर महिला की हालत लगात बिगड़ती जा रही थी। एंबुलेंस स्टाफ से भी गर्भवती का दर्द देखा नहीं जा रहा था। ऐसे में एंबुलेन्स में इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन अमित सक्सेना ने फौरन ही एम्बुलेंस को रुकवाया। पति को बताया कि इलाज में देरी पर हालत और बिगड़ सकती है। लिहाजा एंबुलेंस में ही प्रसव कराना होगा। पत्नी की हालत बिगड़ती देख पति ने वाहन में ही प्रसव कराने की हामी भर दी। प्रयास सफल रहा और महिला ने बच्चे को जन्म दिया। तकनीशियन ने फौरन ही जरूरी दवाइयां दी।