राशन वितरण व्यवस्था में बदलाव, अब महीने में सिर्फ एक बार ही दिया जाएगा गेहूं, मात्रा भी होगी कम
Ration Distribution News राशन कार्ड धारकों को अपनी थाली में रोटी कम करने के साथ चावल की मात्र बढ़ानी पड़ेगी। प्रदेश सरकार ने राशन में दिए जाने वाले गेहूं की मात्रा कम करते हुए माह में एक ही बार गेहूं वितरण करने का आदेश दिया है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Ration Distribution News : राशन कार्ड धारकों को अपनी थाली में रोटी कम करने के साथ चावल की मात्र बढ़ानी पड़ेगी। प्रदेश सरकार ने राशन में दिए जाने वाले गेहूं की मात्रा कम करते हुए माह में एक ही बार गेहूं वितरण करने का आदेश दिया है। सरकार ने गेहूं कम देने का कारण स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि, इसका कारण गेहूं खरीद कम होना माना जा रहा है।
सरकार जिस क्षेत्र में जो खाद्य पदार्थ खाया जाता है, उसका अधिक वितरण कराती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा पंजाब आदि स्थानों पर खाने में गेहूं का अधिक प्रयोग होता है। प्रदेश में राशन कार्ड की एक यूनिट पर तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल दिया जाता था। कोरोना के बाद माह में दो बार निश्शुल्क राशन वितरण किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया कि दो बार राशन का वितरण किया जाएगा, इसमें एक बार में एक यूनिट पर केवल पांच किलो चावल दिया जाएगा। दूसरी बार में तीन किलो गेहूं के बजाय दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल वितरित किया जाएगा। उदाहरण के लिए एक परिवार में चार सदस्य हैं तो उसके प्रत्येक माह 24 किलो गेहूं व 16 किलो चावल मिल रहे थे।
अब उस परिवार को आठ किलो गेहूं व 32 किलो चावल मिलेंगे। बाजार में गेहूं 23 रुपये और आटा 29 रुपये किलो की दर से मिल रहा है। यानी गरीब परिवार को रोटी के लिए प्रत्येक माह 368 रुपये के गेहूं खरीदने के लिए अतिरिक्त खर्च करना होगा। जिला पूर्ति अधिकारी ने कहा कि शासन ने माह में एक बार ही गेहूं वितरण करने और गेहूं की मात्रा कम करने का आदेश दिया है। गेहूं क्यों कम दिया जाएगा, इस बारे में शासन ने कुछ नहीं बताया है।
महिलाओं ने बताया दर्दः स्थानीय निवासी गोमती का कहना है कि जून का अभी तक राशन नहीं मिला है। एक माह से अधिक समय हो चुका है, लेकिन चना तेल व नमक का वितरण नहीं किया गया। अब गेहूं देना बंद कर दिया है। अब गेहूं खरीदना पड़ रहा है। सुशीला का कहना है कि काम पर जाने वालों को दिन में खाने के लिए रोटी बनाकर दी जाती हैं। सरकार ने माह में एक बार गेहूं देने की घोषणा की है। ऐसे में गरीब परिवार वालों के खाने समस्या खड़ी हो जाएगी। राशन का चावल बाजार में कोई खरीदता नहीं हैं, जो चावल बेचकर गेहूं खरीद सकते हैं।
ममता ने बताया कि पहले से बढ़ती मंहगाई की मार झेल रहे हैं, पहले उम्मीद थी राशन के निश्शुल्क रोटी खाने लायक गेहूं मिल जाता है। अब वह भी उम्मीद टूट गई है। बाजार से 29 से 30 रुपये किलो आटा खरीद कर लाना पड़ता है। आठ लोगों का परिवार पालना कठिन होते जा रहा है।