प्रौद्योगिकी दिवस : चंद्रयान-2 से भारत बनेगा चांद पर चौथी ताकत
भारत के चांद परबहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-2 को पूरा करने के लिए एक बार फिर इसरो ने तैयारी शुरू कर दी है।
मुरादाबाद, जेएनएन।भारत के चांद परबहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-2 को पूरा करने के लिए एक बार फिर इसरो ने तैयारी शुरू कर दी है। पूरे 11 साल बाद सक्रिय हुए इस मिशन में इस बार इसरो के वैज्ञानिकों की टीम में मुरादाबाद के मेघ भटनागर भी शामिल हैं। मेघ इसके अलावा प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क-2 के क्वालिटी कंट्रोलर भी हैं।
किया जाएगा परीक्षण
मिशन के तहत चांद की सतह पर रोवर उतार कर वहां के वातावरण, मिट्टी व अन्य चीजों का परीक्षण किया जाएगा। मेघ बताते हैं कि अगर भारत ऐसा करने में सफल हो जाता है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद वह चौथा देश हो जाएगा।
मिशन कई मायने में है महत्वपूर्ण
बतौर, मेघ यह मिशन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। वे बताते हैं कि इसरो इसी साल में अपने यान जीएसएलवी मार्क-2 से चंद्रयान को प्रक्षेपित करेगा। हाल ही में इसरो ने भी ट्वीट कर जानकारी दी थी कि नौ से 16 जुलाई के बीच इस मिशन को लांच किया जाएगा। वहीं जीएसएलवी मार्क-3 ठीक 55 दिन बार चांद की सतह पर रोवर उतार कर अपना मिशन पूरा करेगा। मेघ बताते हैं कि इस यान के तीन हिस्से होंगे। जिसमें लैंडर और रोवर ही चांद की सतह पर उतरेंगे और आर्बिटर चांद के चक्कर लगाएगा।
आर्बिटर भेजेगा इसरो तक सूचनाएं
मेघ बताते हैं कि आर्बिटर से लैंडर व रोवर के अलग होने के बाद आर्बिटर चांद की सतह से 100 किमी ऊपर रहकर इसरो तक सूचनाएं भेजेगा। दरअसल, चांद के पास पहुंचने के बाद लैंडर व रोवर अलग होकर चांद की सतह पर उतरेंगे। इसके बाद लैंडर से रोवर बाहर निकल कर चांद पर मिट्टी, वायु व वातावरण का परीक्षण कर लैंडर को रिपोर्ट भेजेगा। लैंडर यह रिपोर्ट आर्बिटर को भेजेगा। आर्बिटर के माध्यम से यह सूचना इसरो को मिलेगी।
पहले भी भारत दिखा चुका है ताकत
चंद्रयान-2 मिशन से पहले भी भारत मिशन चंद्रयान पूरा करके अपनी ताकत दुनिया को दिखा चुका है। इसरो ने यह मिशन 2008 में लांच किया था। चांद की सतह के 392 दिन तक चक्कर काटने के बाद ईंधन खत्म होने के कारण यह मिशन 29 अगस्त 2009 को खत्म हो गया था। इसके बाद से भारत चंद्रयान-2 की तैयारी में जुटा हुआ है।
दुनिया का चौथ दिवस बनेगा भारत
इसरो चंद्रयान-2 मिशन को जीएसएलवी मार्क-2 के जरिए चांद पर भेजेगा। इस मिशन के बाद भारत चांद पर रोवर उतारने वाला दुनिया में चौथा देश बन जाएगा।
- मेघ भटनागर, क्वालिटी कंट्रोलर व वैज्ञानिक विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर
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