सीसीटीवी फुटेज से मुरादाबाद में मेडिकल टीम पर हमला करने वाले 40 और हमलावर चिह्नित Moradabad News
पुलिस ने इस मामले में 17 को जेल भेजा जेल। 12 लोगों को हिरासत लेकर किया जा रहा पूछताछ। मुरादाबाद में मेडिकल टीम पर हुआ था हमला। रासुका के तहत होगी कार्रवाई।
मुरादाबाद, जेएनएन। नवाबपुरा में हाजी नेब की मस्जिद के चौराहे के पास कोरोना के योद्धाओं की टीम पर हमला और पथराव करने वालों की तलाश में बुधवार रात भर पुलिस दबिश देती रही। गुरुवार सुबह पांच बजे मां-बेटी समेत 17 उपद्रवियों को कोर्ट में पेश किया गया। वहां से सभी को जेल भिजवा दिया गया। पुलिस ने 12 और लोगों को उठाया। इसके अलावा सीसीटीवी एवं वीडियो फुटेज के आधार पर 40 और हमलावरों को चिह्नित कर लिए गए हैैं। हमलावरों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भी कार्रवाई होगी।
यह है पूरा मामला
थाना नागफनी क्षेत्र के नवाबपुरा में हाजी नेब वाली मस्जिद निवासी कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की दो दिन पहले मौत हुई थी। इससे पहले उस व्यक्ति के बड़े भाई की पांच अप्रैल को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। उसकी तो जांच नहीं हुई थी। दोनों ही चेन्नई से लौटकर आए थे। बुधवार को डॉ. सुधीश चंद्र अग्रवाल की अगुआई में स्वास्थ्य विभाग की टीम एक मृतक के परिवार वालों को क्वारंटाइन कराने के लिए नवाबपुरा गई थी। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था। पथराव करके भीड़ ने एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ी समेत तीन वाहनों को तोड़ दिया था। घटना के बाद पुलिस ने कुल 221 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इनमें 21 नामजद हैैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अधिकारियों के मातहतों द्वारा बनाई वीडियो के आधार पर पहचान कर मां-बेटी सहित 17 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। सभी का रात में ही मेडिकल कराया। गुरुवार सुबह छह बजे ही सभी हमलावरों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भिजवा दिया। उधर, पुलिस ने बवाल करने के आरोप में 12 अन्य लोगों को और उठाया है।
आरोपितों की कराई जा रही पहचान
एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि आरोपितों की पहचान कराई जा रही है। 40 और उपद्रवी चिह्नित कर लिए गए हैैं। आरोपितों की तलाश में दबिश दी जा रही है। किसी बेगुनाह को जेल नहीं भिजवाया जाएगा। गिरफ्तार आरोपितों को कोर्ट में पेश कर जेल भिजवा दिया गया।
अब बाहरी लोगों के शामिल होने की कहानी गढ़ रहे पत्थरबाज
कानून की नकेल कसते ही वह पत्थरबाज पुलिस को गुमराह करने की कोशिश में जुट गए हैं, जिन्हें उनका जीवन बचाने आए स्वास्थ्य कर्मियों पर ईंटें फेंकते वक्त दया नहीं आई। अब नवाबपुरा बवाल में बाहरी लोगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, ऐसे दावे दरकिनार करते हुए पुलिस सीसीटीवी फुटेज व मुखबिरों की मदद से पत्थरबाजों को बेनकाब करने की कोशिश में जुटी है। नवाबपुरा में अकस्मात करीब दो सौ लोगों द्वारा पुलिस व स्वास्थ्य कर्मियों को निशाना बनाकर पत्थरबाजी करने की घटना ने सभी को झकझोर दिया। महिलाओं व बच्चों तक से पत्थरबाजी कराई गई। इससे वारदात सुनियोजित साजिश का हिस्सा होने के संकेत मिले। पत्थरबाजी के तौर तरीके व घटनास्थल के हालात संदेह की पुष्टि कर रहे थे। बहरहाल पत्थरबाजी कांड की जांच कर रही पुलिस को अब यह बताया जा रहा है कि घटना में बाहरी लोग भी शामिल थे। यहां तक कि चक्कर की मिलक के रहने वाले कुछ लोगों को भी पत्थरबाजी का हिस्सा बताया जा रहा है। नवाबपुरा के रहने वालों के इस दावे को ही यदि सही मान लें, तो सवाल उठता है कि पत्थरबाजी की योजना क्यों और किसने बनाई? उन लोगों को ही निशाना क्यों बनाया गया, जो अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं? पत्थरबाजी के पीछे कोई और मंशा तो नहीं? पुलिस इन सभी सवालों के जवाब तलाशने में जुटी है। सीओ कोतवाली राजेश कुमार यादव ने बताया कि पुलिस की नजर फिलहाल पत्थरबाजी में शामिल लोगों की वीडियो फुटेज की मदद से पहचान करने पर लगी हैै। हत्थे चढ़े आरोपित पूछताछ में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। जो भी घटना में संलिप्त होगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।