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भाई ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर बचाई भाई की कुर्सी

मुरादाबाद के भगतपुर के प्रमुख इकबाल के खिलाफ अविश््वास प्रस्ताव गिरा

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 01:44 PM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 01:44 PM (IST)
भाई ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर बचाई भाई की कुर्सी
भाई ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर बचाई भाई की कुर्सी

मुरादाबाद : विकास खंड भगतपुर टांडा के प्रमुख इकबाल हुसैन के खिलाफ उनके ही सगे भाई द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बीडीसी सदस्यों के बैठक में नहीं पहुंचने से गिर गया। एसडीएम सदर अस्मिता लाल द्वारा बैठक निरस्त करने की घोषणा के साथ ही ब्लाक प्रमुख के पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया। ब्लाक प्रमुख के छोटे भाई आसिफ ने डीएम के समक्ष क्षेत्र पंचायत के 91 में से 51 सदस्यों को पेश कर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। जिसके लिए डीएम ने छह अगस्त को ब्लाक सभागार में चर्चा के बाद मतदान कराने के निर्देश दिये थे। सोमवार को एसडीएम सदर अस्मिता लाल, तहसीलदार सदर सुनीता कुमारी, जिला विकास अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह, प्रभारी खंड विकास अधिकारी ओम प्रकाश सिंह सुबह ग्यारह बजे से दोपहर एक बजे तक ब्लाक सभागार में क्षेत्र पंचायत सदस्यों के आने का इंतजार करते रहे। निर्धारित समय तक कोई भी सदस्य बैठक में उपस्थित नहीं हुआ तो एसडीएम ने बैठक निरस्त करने की घोषणा कर दी।

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सपाइयों का रहा जमावड़ा

सोमवार को ब्लाक कार्यालय पर ब्लाक प्रमुख के समर्थन में मुरादाबाद देहात के विधायक हाजी इकराम कुरैशी, विधायक नवाब जान खां, विधायक हाजी रिजवान, पूर्व मेयर डॉ. एसटी हसन, जयवीर सिंह यादव बैठक निरस्त होने तक ब्लाक कार्यालय के बाहर जमा रहे।

और बच गई कुर्सी

सूबे की सरकार बदलने के बाद से ही ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा था। प्रमुख को लगातार इसका डर सता रहा था। इसी से बचने के लिए प्रमुख ने स्वयं अपने भाई को हथियार बनाकर विरोधियों को मात दी और कुर्सी सुरक्षित कर ली। प्रमुख की जीत पर सपाइयों ने जश्न मनाया।

बीडीसी सदस्यों ने उड़ाई दावत

आखिर वही हुआ जिसके संकेत पहले दिए थे। ब्लाक प्रमुख भगतपुर टांडा इकबाल हुसैन के खिलाफ दाखिल किया गया अविश्वास प्रस्ताव टांय-टांय फिस्स हो गया। प्रस्ताव दाखिल करने वाले बीडीसी सदस्य बैठक से गायब रहे। इस दौरान वह ब्लाक प्रमुख के आवास पर ही रहे औप जीत का जश्न मनाकर दावत उड़ाई। अपने खिलाफ स्वयं अविश्वास प्रस्ताव दाखिल कराकर कुर्सी बचाए रखने की यह सालभर में दूसरी घटना है। इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष शलिता सिंह ने कुर्सी बचाने के लिए अपनी पार्टी के सदस्यों से ही अविश्वास प्रस्ताव दाखिल कराया था। आठ अगस्त को उनके खिलाफ बैठक व मतदान होना था, लेकिन प्रस्ताव दाखिल करने वाले बैठक से गैर हाजिर रहे थे।

दिल्ली और अजमेर की सैर

ब्लाक प्रमुख के खिलाफ 11 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया था। इसके बाद ही ब्लाक प्रमुख के करीबी उन्हें दिल्ली, अजमेर व दीगर स्थानों की सैर कराने के लिए ले गए थे। रविवार की शाम को ही इनकी वापसी हुई। कड़े पहरे में इन्हें ब्लाक प्रमुख व करीबी रिश्तेदारों के यहां ठहराया गया। सोमवार को उप जिला अधिकारी सदर ब्लाक कार्यालय के सभागार में अविश्वास प्रस्ताव दाखिल करने वाले सदस्यों के पहुंचने का इंतजार करती रहीं। गैर हाजिर रहकर ब्लाक प्रमुख के आवास पर ही उन्होंने जीत का जश्न मनाया।

यूं चली प्रक्रिया

निर्धारित समय से पहले ही एसडीएम सदर ब्लाक सभागार में पहुंच गई। मौके पर पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया। एक बजे तक पक्ष व विपक्ष का एक भी सदस्य मीटिंग हाल में नहीं पहुंचा। इसके बाद एसडीएम, कागजी कार्रवाई पूरी कर वापस आ गई।

इस लिए कराया प्रस्ताव दाखिल

ब्लाक प्रमुख को भाजपाइयों द्वारा अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल करने की भनक लग गई थी। भाजपाइयों ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली थी। इसी बीच ब्लाक प्रमुख ने स्वयं ही अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल करा कर भाजपाइयों का रास्ता रोक दिया। अगर भाजपा के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव दाखिल कर दिया जाता तो कुर्सी को खतरा था।


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