शादी से पहले हो वर-वधू के खून की जांच
मुरादाबाद : विश्व थैलेसीमिया दिवस पर आइएमए मुरादाबाद शाखा की ओर से मंगलवार को चिकित्सकों ने जागरू
मुरादाबाद :
विश्व थैलेसीमिया दिवस पर आइएमए मुरादाबाद शाखा की ओर से मंगलवार को चिकित्सकों ने जागरूकता पर जोर दिया। आइएमए अध्यक्षा डॉ. बबीता गुप्ता ने बताया कि थैलेसीमिया के बारे में लोग जागरूक नहीं हैं। इससे मानसिक और आर्थिक परेशानी का सामना परिवार को करना पड़ता है। इसलिए इसकी जांच कराना बहुत जरूरी है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. बीके दत्त ने कहा कि शादी से पहले वर-वधू का थैलेसीमिया चेकअप कराना बहुत जरूरी है। साइप्रस में सबसे ज्यादा ये बीमारी थी, वहां की सरकार ने शादी से पहले जांच कराने का कानून लागू किया तो आज वहां से ये बीमारी समाप्त हो चुकी है। हम सभी को इस बीमारी को खत्म करने के लिए जागरूक होना है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि रिश्ता जुड़ने के दौरान ही वर-वधू के खून की जांच करा लें, क्योंकि वर-वधू में माइनर थैलेसीमिया निकला तो बच्चे में मेजर थैलेसीमिया के चांस बढ़ जाते हैं। इसलिए सभी को इस सोच पर अमल करना चाहिए। पैथोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर मिढ्डा और डॉ. विभा मलिक ने बताया कि स्कूल में जिस तरह बच्चे के एडमिशन से पहले टीकाकरण कार्ड देखा जाता है। उसी तरह थैलेसीमिया की जांच भी जरूरी कर दी जाए। इससे हम इस बीमारी को खत्म कर सकते हैं। इसके साथ ही रक्तदान के लिए लोगों को आगे आना होगा। जिससे थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को खून मिल सके, क्योंकि रिश्तेदार भी ऐसे परिवार से किनारा करने लगते हैं। डॉ. पायल पुरी ने बताया कि प्रारंभिक जांच जरूरी है। एचपीएलसी की जांच में थैलेसीमिया की पुष्टि हो जाती है। इसलिए छह माह या सालभर में जांच करा लें। डॉ. वीएस दीक्षित ने बताया कि इन लोगों में खून चढ़ाने की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है। आइएमए सचिव डॉ. मोहित टंडन ने बताया कि किसी भी आपरेशन के दौरान बीमारी का पता चलता है तो चिकित्सक को काफी मुश्किल होती है। थैलेसीमिया बीमारी बोझ बन जाती है।