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सुंदर मुंदरिए हो, तेरा कौन विचारा हो..

मुरादाबाद, जेएनएन: शहर में लोहड़ी के पर्व पर उल्लास छाया रहा। बुधवार को सुबह से लोहड़ी पर्व मनाने की त

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 02:16 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 02:16 AM (IST)
सुंदर मुंदरिए हो, तेरा कौन विचारा हो..

मुरादाबाद, जेएनएन: शहर में लोहड़ी के पर्व पर उल्लास छाया रहा। बुधवार को सुबह से लोहड़ी पर्व मनाने की तैयारी में जुटा पंजाबी समाज देर शाम लोहड़ी जलते ही झूम उठा। पंजाबी नृत्य गिद्दा व भांगड़ा पर आकर्षक वेषभूषा में युवा-युवती व वरिष्ठ जन झूम उठे। सुंदर मुंदरिए हो, तेरा कौण विचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो..गीत पर पंजाबी समाज जमकर थिरका। आज रात लोहड़ी दी रात.. शगना की लोहड़ी आई..गीतों ने ऐसा मन मोहा कि देर तक लोग नृत्य करते रहे। जिन घरों में पहला बच्चा व इसी वर्ष शादी वाले घरों में लोहड़ी विशेष रूप से मनाई गई। उन घरों में बच्चे व नवदम्पती को आशीष दिया। सबसे पहले गली व चौराहे पर लोहड़ी सजाई गई, फिर उसमें अग्नि जलाई। मूंगफली, रेबड़ी, मक्का का प्रसाद लोहड़ी को चढ़ाया और फिर बांटा गया।

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आदर्श नगर में मुरादाबाद पंजाबी समाज समिति की ओर से सामूहिक रूप से रात आठ बजे लोहड़ी जलाई गई। समिति के अध्यक्ष विनोद गुंबर ने बताया कि यह पर्व नई फसल बोने का प्रतीक है। उन्होंने दुल्ला भट्ठी वाला का महत्व समझाया। आदर्श नगर में कई घरों में निजी तौर पर भी लोहड़ी मनाई गई। इस मौके पर काले पहलवान, पारस सचदेवा, ममता भोला, ज्योति गुम्बर, अनिल छाबड़ा, लता अनेजा, अजय अनेजा, कपिल अरोड़ा, सीमा भोला, राजिदर कौर समेत अन्य मौजूद रहे। शहनाई मंडप में पंजाबी समाज की महिलाएं, बच्चे और युवा गिद्दा व भांगड़ा पर खूब थिरके। मूंगफली, रेवड़ी व मक्का का प्रसाद बांटा गया। इस मौके पर देवेंद्र चावला, गुरविदर भाटिया, गुरप्रीत सिंह, दलजीत सिंह समेत अन्य मौजूद रहे। चंद्र नगर स्थित गुरुद्वारा की ओर से भी लोहड़ी के पर्व पर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। पंजाबी गीतों ने ऐसा समां बांधा कि लोग देर तक थिरकते रहे। यहां पर देवेंद्र चावला, जसविदर सिंह, जगनीत सिंह, हरप्रीत सिंह व अफतार सिंह मौजूद रहे। साईं ग्रांड में भी लोहड़ी का पर्व मनाया गया। दीनदयाल नगर, नवीन नगर, अवंतिका, हिमगिरी, कोठीवाल नगर, बुद्धि विहार समेत अन्य स्थानों पर भी लोहड़ी की धूम रही। कोरोना के कारण कम हुए आयोजन

कोरोना के कारण इस बार सामूहिक रूप से त्योहार मनाने की अपेक्षा निजी स्तर पर घरों में लोहड़ी जलाई गई। कई होटलों में इस बार लोहड़ी पर आयोजन नहीं हुए। पंजाबी समाज का मुख्य लोहड़ी कार्यक्रम तीन दिन पहले मनाया जा चुका है। घरों में भी पंजाबी गीतों की धूम रही। पड़ोसियों को लोहड़ी का प्रसाद बांटा गया।


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